लखनऊ: जिले के पारा इलाके में आठ माह पूर्व संदिग्ध हालात में लापता बच्ची का शव नहर में उतरता मिला था. बच्ची के दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे. रेप के बाद हत्या की आशंका के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की. बच्ची की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया था, लेकिन अभी तक डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई. सवाल यह है कि करीब आठ महीने बाद जब पुख्ता शिनाख्त ही नहीं हो सकी है तो बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की गुत्थी कितने महीनों में सुलझेगी. पुलिस का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
22 अगस्त को गायब हुई थी बच्ची
एक व्यक्ति ने आगरा एक्सप्रेस-वे के पास नहर चौराहे पर सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर कूल कॉर्नर की दुकान खोल रखी है. 22 अगस्त को उसकी बेटी दुकान से घर के लिए गई थी. इसके बाद वह संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी. बच्ची के घर न पहुंचने पर उसकी तलाश शुरू की गई. बेटी का चप्पल दुकान के पीछे नहर के पास जंगल में मिला. छानबीन के दौरान पुलिस ने गोताखोरों की मदद से लड़की के शव को नहर से बरामद किया.
गांव पहुंचने पर परिवारीजनों ने हंगामा कर शव बदलने का लगाया था आरोप
23 अगस्त को पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजनों को लड़की का शव सुपुर्द कर दिया गया था. शव गांव पहुंचने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था. उनका आरोप था कि शव उनकी बच्ची का नहीं है. परिजन दावा करने लगे थे कि शव किसी वयस्क लड़की का है. मंत्री स्वाती सिंह ने इस मामले में पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था. उन्होंने पुलिस को शव कब्र से निकलवा कर उसका दोबारा पोस्टमॉर्टम करवाने और डीएनए करवाने के निर्देश दिए थे.