लखनऊ: कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर उम्रदराज कैदियों की पैरोल पर रिहाई को लेकर शनिवार को जिला जेल में बैठक कर मंथन किया गया. बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर समेत जेल के कई अफसर शामिल हुए. जेल अफसरों ने 35 उम्रदराज व गंभीर बीमारियों से पीड़ित सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल देने का प्रस्ताव रखा, जिसमें दो का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि कोविड के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेलों से कैदी पैरोल पर छोड़े जा रहे हैं. जिला जेल से सजायाफ्ता कैदियों की पैरोल पर रिहाई की बैठक में शामिल होने के लिए पुलिस कमिश्नर व डीएम जिला जेल पहुंचे. उनके साथ एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह, एडीसीपी दक्षिणी पूर्णेदु सिंह, एसडीएम विकास सिंह व एसीपी गोसाईगंज स्वाती चौधरी भी मौजूद रहीं.
35 कैदियों में सिर्फ दो मिले पैरोल देने के पात्र
बैठक में अधिकारियों ने जेल प्रशासन के साथ 35 कैदियों की रिहाई पर चर्चा की, जिसमें 31 उम्रदराज (65 वर्ष या उससे अधिक) व 4 गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. जेलर अजय राय ने बताया कि नियमों के तहत उम्रदराज के आधार पर 2 कैदी पैरोल के पात्र मिले.
सीएमओ से मांगी गई राय
जेलर ने बताया कि इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार चार कैदियों में से तीन की मेडिकल रिपोर्ट भेजकर सीएमओ की राय लेने के निर्देश दिए हैं. जेलर के मुताबिक, सीएमओ की अनुमति मिलने के बाद आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
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इन कैदियों की पैरोल पर मिली सहमति
एक घंटे तक जिला जेल मे रहने के बाद अफसर नारी बंदी निकेतन पहुंचे. प्रभारी अधीक्षक नयनतारा बनर्जी के साथ अफसरों ने 25 महिला बंदियों की पैरोल पर चर्चा की, जिसमें 3 बंदियों को पैरोल देने पर सहमति मिली. इसमें से एक बंदी कैंसर पीड़ित है. अन्य दो 80 वर्ष की हैं. इसके अलावा हृदय रोगी एक आदर्श कैदी को पैरोल देने के लिए सीएमओ से राय मांगी गई है.