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लखनऊः राजधानी में बढ़ रहा प्रदूषण, एक्शन में आया प्रशासन - डीएम अभिषेक प्रकाश

यूपी की राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए गुरुवार को डीएम अभिषेक प्रकाश ने संबंधित अधिकारियों व औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक की. जिसमें डीएम ने प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के निर्देश दिए.

जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम.
जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम.

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Published : Oct 9, 2020, 10:17 AM IST

लखनऊ: राजधानी में बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए गुरुवार को डीएम अभिषेक प्रकाश ने आपात बैठक बुलाई. कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निर्माण एजेंसियों, औद्योगिक संगठनों के साथ डीएम ने बैठक की. उन्होंने बढ़ते हुए प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के निर्देश दिए.

शहर में बढ़ते प्रदूषण का लेवल कम करने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है. इसी के मद्देनजर डीएम अभिषेक प्रकाश ने एलडीए, नगर निगम, वन विभाग, कृषि विभाग, परिवहन, यातायात, ट्रैफिक पुलिस, आवास-विकास, एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, उद्योग विभाग, यूपीएसआरटीसी, पूर्ति विभाग समेत आईआईए के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. डीएम ने धूल व अन्य प्रकार के वायु प्रदूषकों पर नियंत्रण को लेकर चर्चा की. उन्होंने सभी विभागों से संबंधित निर्माण इकाइयों द्वारा निर्माण स्थलों पर नियमों के उल्लंघन की दशा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

छिड़काव के लिए भूगर्भ जल का ना करें उपयोग

सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट के लिए क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण डॉ. रामकरन ने बताया कि वेबसाइट dustapp.upecp.in पर सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट की प्रक्रिया सभी निर्माण इकाइयों द्वारा पूरी की जानी है, जबकि नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा कि निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव एसटीपी से अवमुक्त ट्रीटेड वॉटर का किया जाना है. इसके लिए सभी निर्माण इकाइयां कंट्रोल रूम से संपर्क कर शोधित जल प्राप्त करें. किसी भी दशा में छिड़काव के लिए भूगर्भ जल का उपयोग नहीं किया जाएगा.

रविवार से चलेगा वाहन प्रदूषण अभियान

डीएम ने परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस को रविवार से अभियान चलाकर बिना प्रदूषण जांच लाइसेंस के चल रहे सभी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद यूपीएसआईडीसी को औद्योगिक क्षेत्र में लैंड फिल साइट की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा. इसके अलावा आने वाले समय में पराली ना जलाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के लिए जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया.

यह व्यवस्थाएं होंगी लागू

  1. ग्रीन नेट
  2. एंटी स्मोक गन
  3. पीटीजेड कैमरा
  4. सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट
  5. पानी का छिड़काव

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