लखनऊ:दिवाली पर पटाखों के जलने में कमी के चलते हुए प्रदूषण की स्थिति में प्रदेश के प्रमुख शहरों में थोड़ी राहत देखने को मिल रही है. इसके बाद भी राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों के एयर क्वालिटी का डाटा काफी खतरनाक स्तर पर है. बुधवार की सुबह प्रदेश के ज्यादातर प्रमुख शहरों का स्तर खराब श्रेणी में ही दर्ज किया गया है. कई जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर तय मानक से भी ऊपर दर्ज किया.
प्रदेश में मुरादाबाद, गाजियाबाद की हवा सबसे खराब
प्रदेश में सबसे खराब एयर क्वालिटी की स्थिति मुरादाबाद व गाजियाबाद में पाई गई है. इसके बाद आगरा, बरेली, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, नोएडा, प्रयागराज और वाराणसी में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब पाई गई है. इसमें प्रयागराज व वाराणसी को छोड़कर प्रदेश के सभी सभी बड़े शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर दर्ज किया गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बुधवार की सुबह आगरा में वायु प्रदूषण 289, बरेली में 261, गाजियाबाद में 332, गोरखपुर में 231, कानपुर में 203, लखनऊ में 277, मेरठ में 264, मुरादाबाद में 322, नोएडा में 273 प्रयागराज में 191 वाराणसी में वायु प्रदूषण का स्तर 171 पाया गया है.
वायु प्रदूषण के मानक
वायु प्रदूषण को AQI अगर 0 से 50 हो तो वह अच्छा माना जाता है. अगर AQI 51 से 100 हो तो उसे ठीक माना जाता है. इसमें से सांस लेने वाले लोगों को हल्की दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा AQI 101 से 200 ऊपर जाने पर यह अच्छी नहीं है, यह फेफड़ों दिल और अस्थमा के मरीजों को यह काफी हानिकारक होता है. AQI 200 से 300 होने पर ऐसे वातावरण में लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर लोगों को सांस की दिक्कत हो सकती है. सबसे खतरनाक AQI 400 से 500 है. यह स्वस्थ आदमी पर भी असर करता है और पहले से बीमार है तो यह और भी अधिक खतरनाक हो जाता है.
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