लखनऊ : भू माफियाओं पर कार्यवाही को लेकर मंडलायुक्त काफी सख्त नजर आ रही हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जिन भवनों को सीज किया गया है उसमें निर्माण की शिकायत को लेकर कमिश्नर ने कर्मचारियों को हिदायत दी है. बैठक में अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए मंडलायुक्त ने कहा है कि 'ऐसे भवनों में निर्माण होता हुआ पाया गया तो फिर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी. बताते चलें कि राजधानी लखनऊ में तमाम ऐसे प्रकरण देखे गए हैं, जिसमें एलडीए द्वारा सीज किए गए भवन में भी निर्माण कार्य पाया गया है. ऐसे मामलों के सामने आने के बाद लखनऊ कमिश्नर काफी सख्त नजर आ रही हैं. अवैध वसूली करने के प्रकरण में मंडलायुक्त रोशन जैकब ने वसूली रोकने के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं.'
भू-माफियाओं पर कसेगा शिकंजा : लखनऊ में सरकारी भूमि पर कब्जा करके अवैध प्लाटिंग व निर्माण करने वाले भू-माफिया पर शिकंजा कसेगा. इसके लिए एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करेगी, जिसके आधार पर अभियान चलाकर अवैध कालोनियों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करायी जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व मंडलायुक्त डाॅ. रोशन जैकब ने मंगलवार को प्राधिकरण भवन में आयोजित बैठक में आदेश जारी किये हैं.
मंडलायुक्त ने की समीक्षा :बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने सर्वप्रथम अवैध निर्माणों व प्लाटिंग के खिलाफ विगत एक माह में की गयी सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जोनवार समीक्षा की. इसमें प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने अवगत कराया कि बीते दिनों कराये गये सर्वे में 121 अवैध प्लाटिंग चिन्हित की गयी हैं, जिनमें से 50 से अधिक अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करायी गयी है और यह अभियान निरंतर जारी है. उपाध्यक्ष ने बताया कि 'मोहनलालगंज और गोसाईंगंज क्षेत्र में किये गये सर्वे में यह भी पाया गया कि कुछ विकासकर्ताओं द्वारा चकरोड, तालाब, बंजर व ग्राम समाज आदि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके प्लाटिंग का कार्य कराया जा रहा है. इस पर मंडलायुक्त ने आदेश दिये कि एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करके इनके खिलाफ वृह्द स्तर पर अभियान चलाये. उन्होंने जोनल अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि सीलिंग आदेश के सापेक्ष जितने भी अवैध भवन सील किये गये हैं, उनमें अगर निर्माण होता मिला तो सम्बंधित फील्ड अफसर पर कार्यवाही के साथ ही जोनल अधिकारियो की भी जवाबदेही निर्धारित की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिये कि सीलिंग के उपरांत पुलिस अभिरक्षा में दिये गये अवैध निर्माणों की नियमित रूप से निगरानी के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र प्रेषित किया जाए और इसमें सील भवनों की सूची भी संलग्न की जाए.
मंडलायुक्त ने कहा कि 'सील तोड़कर अवैध निर्माण कराने के जिन प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा एफआईआर दर्ज करवायी गयी है, उनमें जांच कर कार्यवाही का ब्योरा भी पुलिस विभाग से प्राप्त किया जाए. उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त जोनल अधिकारियों को दो-दो होमगार्ड उपलब्ध कराये जाएं, जिससे कि फील्ड पर प्रवर्तन की कार्यवाही के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए. प्राधिकरण के नाम पर जन सामान्य से अवैध वसूली की शिकायतों को लेकर मंडलायुक्त ने उपाध्यक्ष को निर्देशित किया कि इस तरह के प्रकरणों की शिकायत के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया जाए, जिससे कि लोग अवैध वसूली की शिकायत दर्ज करा सकें. साथ ही इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए.'
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