लखनऊ : जिला पंचायत के अंतर्गत बनने वाली कॉलोनियों में नक्शा पास कराना करीब 20 गुना हो गया है. इसके साथ ही करीब 36 साल पहले बनाए गए जिला पंचायत का बिल्डिंग बाइलॉज भी बदल दिया गया है. इससे अब जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत अवैध निर्माण पर कठोर कार्रवाई हो सकेगी और सरकार का बुलडोजर भी चलेगा. 36 साल बाद जिला पंचायत के बिल्डिंग बाइलॉज में हुए बदलाव में कई अधिकार जिला पंचायत बोर्ड को दिए गए हैं. आमजनों को जिला पंचायतों से मानचित्र पास कराने में 20 गुना अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
राजधानी के करीब 534 गांव की जमीनों पर नक्शा पास कराने से संबंधित लोगों को अब 20 गुना अधिक पैसा देना होगा. इन सभी संबंधित ग्राम पंचायतों में अवैध निर्माण पर भी कठोर कार्रवाई की जा सकेगी. उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 में संशोधित 1994 में बने बिल्डिंग बाइलॉज के नियमों में संशोधन किया गया है. आवासीय प्रयोजन के ले आउट प्लाटिंग की दरों को भी बढ़ाया गया है. निजी कॉलोनियों के लेआउट स्वीकृत कराने के लिए बिल्डर को भी चार गुना शुल्क देना होगा, इसमें भूखंड लेने वाले को अलग से निर्माण के लिए नक्शा भी स्वीकृत कराना होगा. इसके अलावा नक्शा पास कराने के बाद दो साल के अंदर अगर निर्माण कार्य नहीं हुआ तो इसका समय भी बढ़ाया जा सकता है यानी कि समय विस्तार भी मिल सकेगा.