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लखनऊः कलेक्ट्रेट में सिमटेगा जिलाधिकारी की टीम का दायरा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ जिले में कमिश्नर प्रणाली लागू की थी. कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद कानून और शांति व्यवस्था से जुड़े मामले अब पुलिस प्रशासन के हाथ में आ गए हैं.

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Published : Feb 15, 2020, 8:56 PM IST

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फाइल फोटो

लखनऊ: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी महीने में राजधानी में पुलिस कमिश्नर की व्यवस्था लागू की थी. इस प्रणाली के लागू होने के बाद से कानून और शांति व्यवस्था से जुड़े सभी मामले, अब पुलिस प्रशासन के हाथ में आ गए हैं. इसके चलते ही कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक टीम का दायरा भी अब कम होने लगा है.

कार्यक्षेत्र हुए संकुचित
लखनऊ कलेक्ट्रेट में तैनात एडीएम सिटी पश्चिम और एडीएम सिटी पूर्वी के पदों पर तैनात पीसीएस अधिकारियों का कार्यक्षेत्र संकुचित हो गया है. यह दोनों अधिकारी अब तक कानून और शांति व्यवस्था से जुड़े मामले देखते थे. कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से पुलिस मजिस्ट्रेट के जिम्मे हो गया है.

कलेक्ट्रेट में सिमटेगा जिलाधिकारी की टीम का दायरा.
भारी-भरकम प्रशासनिक टीम
जिलाधिकारी की भारी-भरकम टीम में 7 अपर जिलाधिकारी और 7 अपर नगर मजिस्ट्रेट, एक सिटी मजिस्ट्रेट और एक डिप्टी कलेक्टर के कार्यभार को नए सिरे से निर्धारित करने की कवायद शासन में अंतिम दौर में है. एडीएम सिटी पश्चिम और एडीएम पूर्वी के पद खत्म होना तय माना जा रहे हैं. इसका संकेत भी एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य का ट्रांसफर, बाल विकास पुष्टाहार में विशेष सचिव के पद पर करके दे दिया गया है.

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इनका भी बदलेगा पदनाम
साथ ही एडीएम ट्रांस गोमती का पदनाम भी बदलकर एडीएम प्रोटोकॉल होगा. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट के पद भी खत्म होना तय है. प्रशासनिक पदों के पुनर्गठन के बाद कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी की अगुवाई में एडीएम प्रशासन, एडीएम वित्त राजस्व, एडीएम आपूर्ति, एडीएम प्रोटोकॉल और एडीएम भू-अध्यापन के पद पर ही अफसरों की तैनाती रहेगी. राजधानी लखनऊ में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद दो एडीएम और कई एसीएम के पद खत्म करने की भी तैयारी होने जा रही है.

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