लखनऊ:अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर टीकाकरण किया जाएगा. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाको में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है, उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगेगी.
प्रधानों का होगा सम्मान
जिन गांवों में सभी को पहली डोज लग गई है उस गांव को 'प्रथम डोज संतृप्त ग्राम' की संज्ञा दी जाएगी. वहीं दूसरी डोज से संतृप्त गांव को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी. इसके लिए प्रधानों को सम्मानित किया जाएगा. टीकाकरण में आशा आंगनबाड़ी और अन्य कर्मचारी की मदद ली जा रही है. यह कर्मी टीकाकरण से वंचित लोगों के घर जाकर टीकाकरण की पर्ची दे रहे हैं.
11 हजार 632 बनाए गए बूथ
सोमवार को 11, 632 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया है. इसमें 11,571 सरकारी और 61 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इन पर अब तक 13 करोड़ 8 लाख के अधिक डोज लगाई गई है.
यूपी में 18 वर्ष से अधिक 66.40 फीसद के अधिक आबादी टीकाकरण की पहली डोज से कवर हो गयी है. साथ ही दूसरी डोज 21.87 फीसद से ज्यादा को लग गई है. यह कोरोना संक्रमण को कम करने में मददगार होगा. यूपी में कुल डोज अब जहां 13 करोड़ 8 लाख पार हो गई, पहली डोज का आंकड़ा अब 9 करोड़ 81 लाख पार कर गया है. वहीं दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 3 करोड़ 25 लाख 48 हजार पार कर गई.
नवम्बर में डोज लगाने पर रहेगा जोर
राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया, वहीं 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज लगाना शुरू किया. ऐसे में जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली. ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं, तीन अगस्त को मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया.