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लखनऊः जिला प्रशासन ने कोरोना को रोकने के लिए बनाई नई रणनीति - कोरोना वायरस

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जिला प्रशासन ने कोरोना की रोकथाम के लिए नई रणनीति बनाई. इसमें फैसला लिया गया है कि अगर किसी भी मरीज की मौत होती है तो उसका ऑडिट होगा.

कोरोना के खिलाफ बनाई रणनीति
कोरोना के खिलाफ बनाई रणनीति

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Published : Sep 4, 2020, 6:42 PM IST

लखनऊः प्रदेश की राजधानी में कोरोना संक्रमण लगातार अपने पैर पसार रहा है. वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन नए-नए प्रयोग कर रहा है. इस बार प्रशासन ने एक नई रणनीति बनाई है, जिसके तहत कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोक लगेगी.

टीम की संख्या होगी दोगुनी
जिला प्रशासन ने कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग के काम में लगी टीमों की संख्या को दोगुनी करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि शहर में होने वाली मौतों का ऑडिट अनिवार्य होगा. अभिषेक प्रकाश ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासन के प्रत्येक अधिकारी को एक-एक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने यह योजना बनाई है.

शहर में मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा
बता दें, प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में राजधानी में मरीजों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. इसी के चलते जिला प्रशासन ने नई रणनीति बनाई है. डीएम अभिषेक प्रकाश के मुताबिक संपर्क में आने वाले लोगों तक टीम जल्दी पहुंचे. इसके लिए टीमों की संख्या को दोगुना कर दिया गया है. पहले 110 टीमें काम कर रही थीं. वहीं अब 220 टीमें काम करेंगी.

हर मौत का होगा ऑडिट
जिलाधिकारी ने कहा कि अब प्रत्येक मौत चाहे सरकारी अस्पताल में हो या प्राइवेट हॉस्पिटल में सबका डेथ ऑडिट किया जाएगा. इससे मौत की वजह को लेकर कोई शक नहीं रहेगा. अभी कुछ जगहों पर सामान्य मौत को भी कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे परेशानियां बढ़ रही हैं.

सही विवरण दें
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने जनता से अपील की है कि लोग अपना सही विवरण दें, जिससे एंबुलेंस और दवाएं उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो. उन्होंने कहा ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों के नंबर सही दर्ज नहीं है. इस कारण कंट्रोल रूम को उनको संपर्क करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी का जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि वह अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की जांच कर चुका है. कोरोना का प्रसार रोकने में काफी हद तक कामयाबी ट्रैकिंग की दर पर निर्भर है.

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