उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मुकुल गोयल को लेकर यूपीएससी और योगी सरकार में तकरार, सरकार ने कहा- नहीं थे डीजीपी के लायक - नए डीजीपी के लिए यूपीएससी को प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश सरकार ने नए डीजीपी के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को प्रस्ताव भेजा है. इस पर यूपीएससी ने सरकार से जवाब मांगा है कि मुकुल गोयल को अचानक डीजीपी के पद से क्यों हटाया गया. मुकुल गोयल को लेकर योगी सरकार और यूपीएससी में तकरार हो गई है.

मुकुल गोयल
मुकुल गोयल

By

Published : Sep 25, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Sep 25, 2022, 5:12 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश में नए डीजीपी के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजा गया प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने वापस लौटाते हुए पूछा था कि मुकुल गोयल को डीजीपी के पद पर न्यूनतम 2 वर्ष की अवधि पूरी करने से पहले हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन किया गया या नहीं? यही नहीं मुकुल गोयल को अचानक क्यों हटाया गया था. इसके जवाब में अब गृह विभाग ने भी अपना जवाब भेजते हुए बताया है कि मुकुल गोयल पर पहले से ही भर्ती घोटाले के आरोप थे और कई बार शिथिलता के चलते उन्हें सस्पेंड किया जा चुका था. यही नहीं मुकुल गोयल की कार्यशैली डीजीपी के पद के लायक नहीं थी.

गृह विभाग ने यूपीएससी को जवाब भेजते हुए लिखा है, 'डीजीपी चयन में सिर्फ सीनियरिटी ही आधार नहीं होती है, बल्कि अधिकारी की कार्यशैली और कार्यक्षमता भी मायने रखती है. पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल 2006-07 में भर्ती घोटाले के भी आरोपी रहे थे. मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान मुकुल गोयल एडीजी एलओ थे, उन्हें हटाया गया था. सहारनपुर में कप्तान रहते उन्हें सस्पेंड भी किया गया था.'

दरअसल, डीजीपी के नाम के चयन के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को वापस भेजते हुए यूपीएससी ने पूछा था कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए 22 सितंबर 2006 को पारित सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में 29 जून 2021 को यूपीएससी में बैठक हुई थी और तीन वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों का पैनल राज्य सरकार को भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में नियुक्त किए गए डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो वर्ष होना चाहिए था.

अगर इसके बीच में वह रिटायर हो रहा हों, तब भी नियुक्त किए गए डीजीपी को दो वर्ष का कार्यकाल दिया जाएगा. दो वर्ष के न्यूनतम कार्यकाल से पहले डीजीपी को हटाने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने शर्तें तय की हैं. इसमें अखिल भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन पर की गई कार्रवाई होने, आपराधिक मामले में न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने, भ्रष्टाचार का मामला साबित होने या अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अक्षम होने पर डीजीपी को हटाया जा सकता है. आयोग ने सरकार से पूछा था कि अगर कोई मामला मुकुल गोयल के खिलाफ है तो उसके दस्तावेज दिए जाएं और अगर नहीं है तो क्या मुकुल गोयल को हटाया जाना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना नहीं है?

यह भी पढ़ें:योगी के छह माह, विकास के रास्ते पर सरकार, चुनौतियां बरकरार

बता दें कि योगी सरकार ने 11 मई 2022 को प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को अकर्मण्यता के आरोप में पद से हटा दिया था और उनका स्थानांतरण जनहित में डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कर दिया था. उसके बाद 13 मई को डीजी इंटेलिजेंस डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान को प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था.

Last Updated : Sep 25, 2022, 5:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details