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आपसी विवाद का सबब बन रहीं रोडवेज बसें, एआरएम और कंडक्टर भिड़े - लखनऊ खबर

परिवहन निगम की बसें विवाद का सबब बन रही हैं. राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन पर कंडक्टर और एआरएम के बीच विवाद हो गया. अधिकारी और कर्मचारी के बीच हुए इस विवाद को उच्चाधिकारियों ने आपसी सहमति के बाद निपटाया.

एआरएम और कंडक्टर भिड़े
एआरएम और कंडक्टर भिड़े

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Published : Jan 10, 2021, 12:04 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें विवाद का सबब बन रही हैं. मामला कैसरबाग बस स्टेशन और बहराइच डिपो से जुड़ा हुआ है. बहराइच डिपो की बस के कैसरबाग बस स्टेशन पर आने के चलते विवाद पैदा हो गया. अधिकारी और कर्मचारी के बीच हुए इस विवाद को उच्चाधिकारियों ने आपसी सहमति के बाद निपटाया.

एआरएम ने कंडक्टर से मांगा वे बिल, कर दिया मना
शनिवार को बहराइच डिपो की एक बस कैसरबाग स्टेशन पहुंचती है, जिसे कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत दीक्षित रोक लेते हैं. बस रोकने की वजह यही है कि मुख्यालय स्तर से बहराइच डिपो की बसों को कैसरबाग न लाकर अवध बस स्टेशन तक ही संचालित करने का आदेश है, लेकिन बहराइच डिपो के अधिकारी कैसरबाग तक बस भेजते हैं. यही विवाद का विषय बना हुआ है. एआरएम प्रशांत दीक्षित ने वे बिल दिखाने को कहा तो कंडक्टर भिड़ गया. इसके बाद एआरएम कैमरे से रिकॉर्डिंग करने लगे और वे बिल न दिखाने पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही. इसके बाद मुश्किल से कंडक्टर ने अपना वे बिल दिखाया. हालांकि इस दौरान कंडक्टर ने अपने साथ मारपीट का आरोप भी लगाया. वीडियो रिकॉर्डिंग में जो सामने आया उसमें कंडक्टर ये स्वीकार कर रहा है कि एआरएम ने थप्पड़ नहीं मारा, हालांकि कर्मचारियों पर उसका साफ आरोप है कि मारपीट की है. वीडियो में कंडक्टर यह भी कह रहा है कि हमें ऐसी नौकरी नहीं करनी है.

संचालन ठप होने से यात्रियों को ही दिक्कत
कैसरबाग बस स्टेशन पर मामला शांत हुआ तो बस लेकर कंडक्टर वापस बहराइच डिपो गया और यहां पर ड्राइवरों और कंडक्टरों ने मिलकर एआरएम प्रशांत दीक्षित का पुतला फूंका. काफी देर के लिए बसों का संचालन ठप कर दिया. इससे लखनऊ की तरफ आने वाले यात्रियों को दिक्कत हुई. उच्चाधिकारियों ने आपस में बातचीत कर समस्या का हल निकाला कि जो बसें कैसरबाग बस स्टेशन तक जाने के लिए रोकी गई थी. वह बहराइच से अब सीधे कैसरबाग बस स्टेशन जाएंगी. अभी तक यह बसें सिर्फ अवध बस स्टेशन तक ही जाने की परमिशन थी. यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्यालय पर बैठक कर इस पूरे मामले का हल निकाला जाएगा.

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