लखनऊ: असाध्य रोग के इलाज के लिए सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए असाध्य रोग योजना चला रखी है. इसके तहत सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए अलग से बजट मुहैया कराती है. अभी तक देखा जा रहा था कि डॉक्टर ट्रीटमेंट एस्टीमेट बनाता है, फिर मरीज के लिए राशि जारी की जाती है. इसमें सरकारी धन को मनमाना तरीके से खर्च किया जाता है. ऐसे में अब इस योजना से मिलने वाला धन भी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज के आधार पर आवंटित होगा.
असाध्य रोग योजना के तहत दुर्बल आय वर्ग के मरीजों का मुफ्त इलाज होता है. इसमें बीपीएल कार्ड धारक किडनी, कैंसर, ह्रदय रोग, लिवर रोग का इलाज करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले सरकारी संस्थान के डॉक्टर को ओपीडी में दिखाना होता है. डॉक्टर बीमारी के ट्रीटमेंट का एस्टीमेट बनाता है. इसके बाद मरीज चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में बने बीपीएल-असाध्य रोग काउंटर पर डॉक्टर का एस्टीमेट जमा करता है. इसी के आधार पर तय राशि चिकित्सा संस्थान असाध्य रोग योजना से मरीज के लिए जारी कर देता है. साथ ही उसका एक असाध्य रोग कार्ड बना दिया जाता है. इसके आधार पर उसकी जांच, दवा, ऑपरेशन तक मुफ्त होता है.
बीमारी एक अलग-अलग एस्टीमेट
असाध्य रोग योजना में डॉक्टर आकलन कर मरीज का एस्टीमेट बनाते हैं. ऐसे में एक ही विभाग के डॉक्टर अपनी ओपीडी के दिन एक ही बीमारी के मरीजों का अलग-अलग खर्च का एस्टीमेट बना देते हैं. ऐसे में सरकारी धन का जहां दुरुपयोग हो रहा है. वहीं सरकार से मिला बजट कम मरीजों उपयोग में ही आ पा रहा है.