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आपदा से बचाव और प्रबंधन को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में किया जाएगा शामिल: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक बैठक की. बैठक के दौरान सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में आपदा से बचाव और प्रबंधन को शामिल किए जाने के निर्देश दिए.

सीएम योगी ने सरकारी आवास पर बैठक की.
सीएम योगी ने सरकारी आवास पर बैठक की.

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Published : Jun 16, 2020, 1:51 AM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में आपदा से बचाव और प्रबंधन को शामिल किया जाएगा, ताकि बच्चे आपदा से निपटने में सक्षम रहें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक बैठक के दौरान यह निर्देश दिए हैं. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने आकाशीय बिजली से होने वाली क्षति को न्यूनतम किए जाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं.

सीएम योगी ने कहा कि इस संबंध में विगत वर्षों का डाटा एकत्रित किया जाए. जन हानि के कारणों का भी पता लगाया जाए. तकनीक के माध्यम से पूर्व में ही लोगों को चेतावनी दिए जाने की व्यवस्था की जाए. राज्य सरकार आकाशीय बिजली और थंडर स्टॉर्म से होने वाली जनहानि को न्यूनतम किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है.

चेतावनी को शीघ्रता से पहुंचाने की हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दी जाने वाली चेतावनी को शीघ्रता के साथ सभी तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने आपदा से बचाव और प्रबंधन को बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि लाइटनिंग अलर्ट के संबंध में मोबाइल एप विकसित करते हुए इसके प्रयोग और प्रचार-प्रसार पर भी कार्य किया जाए. सामूहिक प्रयासों और जन सहयोग के आधार पर आकाशीय बिजली के संबंध में समुदाय और तकनीक आधारित रणनीति का विकास किया जाए, जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित रहे.

सीएम योगी ने की बैठक
सीएम योगी ने आकाशीय बिजली (थंडर स्टॉर्म) से होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए एक्शन प्लान बनाए जाने के संबंध में बैठक की. इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राहत आयुक्त कार्यालय ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सूचना प्रणाली और पूर्व तैयारी के साथ जन-धन हानि को न्यूनतम करने के लिए समन्वित रणनीति तैयार की जाए. एक व्यापक सर्वेक्षण करते हुए आकाशीय बिजली से प्रभावित होने वाले जिलों के संबंध में कार्य योजना बनाई जाए.

जन सामान्य को दी जाए जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि चेतावनी और मौसम संबंधी पूर्वानुमान को जनसाधारण तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है. रेडियो, टीवी, मोबाइल, समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को अवगत कराया जाए. जन सामान्य को यह भी बताया जाए कि (थंडर स्टॉर्म) आकाशीय बिजली के समय किन सावधानियों को अपनाया जाना जरूरी है और बचाव के क्या उपाय हैं? साथ ही लाइटनिंग से नुकसान को रोके जाने के संबंध में प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं भी की जाएं.

जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता
जन जागरूकता के कार्यक्रमों को व्यापक स्तर पर चलाए जाने की आवश्यकता है, जिससे जनसाधारण और प्रशासनिक प्रणाली सभी को इसके लिए जागरूक किया जा सके. उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक स्तर पर पूर्वानुमान और चेतावनी के संबंध में जानकारी दिए जाने के भी निर्देश दिए.


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