लखनऊःमोदी सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए गए बजट से मदरसा मॉर्डन टीचर्स में बेहद मायूसी है. मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें थीं पर पिछले बजट के मुकाबले इस बजट से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक निराश नजर आ रहे हैं. इसके चलते इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद का भी बयान सामने आया है.
बजट से मदरसा मॉर्डन टीचर्स में मायूसी - मदरसों के लिए 1000 करोड़ के बजट की मांग
केंद्र सरकार से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को काफी आशाएं थीं. हालांकि बजट के बाद उन्होंने निराशा जाहिर की है. इस संबंध में राजधानी लखनऊ में बयान भी जारी किया है.
लंबित मानदेय
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने अपने जारी किए बयान में कहा की भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है उससे मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को बहुत आशाएं थीं. उन्होंने कहा कि 4 साल से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का मानदेय लंबित था. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नन्द गोपाल नंदी ने पत्र लिखकर 1000 करोड़ के बजट की मांग की थी. पूरे भारत के अन्य प्रदेश के शिक्षकों का भी काफी सालों का मानदेय बकाया है. एजाज अहमद ने कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पूरी उम्मीद थी कि शिक्षकों का बजट बढ़ाया जाएगा लेकिन जब बजट आया तो पता चला कि इस स्कीम का बजट सिर्फ 174 करोड़ रुपए ही रखा गया है, जबकि यह बजट पिछले साल से भी कम है. पिछले साल सरकार ने 220 करोड़ रुपये का बजट रखा था और पूरक बजट में उसको बढ़ाकर 310 करोड़ किया था. एजाज अहमद ने कहा कि आधुनिकीकरण शिक्षकों को पूरी आशा है कि भारत सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना का बजट बढ़ाकर शिक्षकों का बकाया 4 साल का केंद्राश का मानदेय का भुगतान जल्द से जल्द करेगी.
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