लखनऊःराजधानी की जीवनदायनी कही जाने वाली गोमती नदी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. लखनऊ के 12 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरने वाली गोमती नदी में बड़ी संख्या में नाले गिर रहे हैं. इसके साथ ही नदी में दूर-दूर तक जलकुंभी फैली है. इसके बावजूद सरकार गोमती नदी में प्रदूषण कम करने का प्रयास नहीं कर रही है. जिससे गोमती संरक्षण से जुड़े लोगों में नाराजगी है.
अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही गोमती
राजधानी लखनऊ के 12 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरने वाली गोमती नदी लगातार प्रदूषित हो रही है. इसके बावजूद सरकार गोमती नदी में प्रदूषण कम करने का प्रयास नहीं कर रही है.
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नाले कर रहे नदी को प्रदूषित
प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री व कई मंत्री राजधानी लखनऊ में निवास करते हैं. इसके बावजूद गोमती नदी में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. गोमती नदी में गिरने वाले 3 दर्जन से अधिक नाले लगातार गोमती नदी को प्रदूषण बढा रहे हैं. इस बारे में समाजसेवी रिद्धि गौड़ का कहना है कि लगातार गोमती नदी में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए सरकार दोषी है. 2001 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने गोमती नदी की ड्रेजिंग कराई थी और सिल्ट की सफाई भी हुई थी. इसके बाद से किसी ने गोमती नदी की सफाई पर ध्यान नहीं दिया. रिद्धि गौड़ का कहना है कि गोमती नदी को साफ सुथरा रखने के लिए सभी को आगे आना होगा.