लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते लगभग एक वर्ष से बंद चल रहे प्राथमिक स्तर के कक्षा एक से पांच तक के सरकारी और निजी विद्यालय एक मार्च से खुल गए हैं. स्कूल खुलने के साथ ही जहां चहल-पहल बढ़ गई है तो वहीं स्कूल परिसर भी बच्चों से गुलजार हो गए हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ के कई प्राथमिक विद्यालयों में भय का माहौल है.
ये भय कोरोना का नहीं बल्कि स्कूल के जर्जर भवनों का है. इन जर्जर भवनों में बच्चे डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं. आलम ये है कि स्कूल के छज्जे टूट कर गिर रहे हैं, लिंटरों में दरारे आ गई हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. उनकी नजर इन भवनों तक जा ही नहीं रही है.
मंत्री के दावों पर उठे सवाल
बता दें कि बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प करने के तमाम दावे किये थे, लेकिन जमीनी हकीकत में उनके दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. राजधानी में हादसे को दावत दे रहे छितवापुर प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन को ईटीवी भारत ने अपने कैमरे में कैद किया. यह विद्यालय मुख्यमंत्री आवास से करीब 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षिकाएं और एक शिक्षामित्र कार्यरत हैं. एक से पांच तक करीब 35 बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए पंजीकृत हैं.