लखनऊःप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इण्डिया के सपने को साकार करने की ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए डिजिटल बैंक गारंटी व्यवस्था को लागू किया है. स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ऐसे में प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने स्विफ्ट इण्डिया प्लेटफार्म तथा स्टाॅक होल्डिंग के माध्यम से बैंक गारण्टी पर स्टाम्प शुल्क के डिजिटल भुगतान सुविधा शुरू होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा इससे जहां एक ओर बैंकों और उधारकर्ता दोनों को बैंक गारंटी देने में आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी, वहीं समय की भी बचत होगी.
ई-स्टाम्पिंग के बाद प्रदेश में बैंक गारंटी की डिजिटल व्यवस्था शुरू - e stamp facility in uttar pradesh
उत्तर प्रदेश में ई-स्टाम्पिंग के बाद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बैंकों द्वारा किसी भी ऋणधारक को व्यवसाय करने के लिए स्टाॅक होल्डिंग और एनएसएल के माध्यम से डिजिटल भुगतान की सुविधा देकर इस दिशा में दूसरा कदम उठाया गया है. साथ ही इस प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित भी कर दिया गया है.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मिलेगी सहायता
मंत्री जायसवाल ने कहा कि ई-स्टाम्पिंग के बाद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत बैंकों द्वारा किसी भी ऋणधारक को व्यवसाय करने के लिए स्टाॅक होल्डिंग और एनएसएल के माध्यम से डिजिटल भुगतान की सुविधा देकर इस दिशा में दूसरा कदम उठाया गया है. साथ ही इस प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित कर दिया गया है. स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस समस्या की पहचान की और न केवल प्रक्रिया को बहुत आसान बल्कि पारदर्शी और परेशानी मुक्त बनाने का काम किया है.
बैंक गारण्टी डिजिटल होने से और अधिक पारदर्शिता आएगी
महानिरीक्षक स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मिनिस्ती एस. ने कहा कि बैंक गारंटी को डिजिटल करने से स्टाम्प विभाग पेपरलेस हो रहा है. इसके साथ ही स्टाम्पिंग में लागत कम लगेगी और धारक को परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बैंक गारण्टी डिजिटल होने से और अधिक पारदर्शिता आयेगी. महानिरीक्षक निबंधन ने कहा कि स्टाम्प ड्यूटी भुगतान के लिए धारक को इधर-उधर भागने की आवश्यकता नहीं है, साथ ही उसे अब भुगतान प्राप्तियों को भी ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी.