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डीआइजी के नेतृत्व में होगी लखीमपुर हिंसा के मुकदमों की विवेचना - केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है, जिसके बाद शासन ने अपनी सक्रियता और बढ़ा दी है. हिंसा की विवेचना के लिए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल मुकदमों की विवेचना के लिए पर्यवेक्षण समिति का विस्तार किया है. अब डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुवाई में नौ सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति दोनों मुकदमों की विवेचना करेगी.

पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल
पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल

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Published : Oct 8, 2021, 7:02 AM IST

लखनऊ:लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने तिकुनिया थाने में दर्ज दो मुकदमों की विवेचना के लिए पर्यवेक्षण समिति का विस्तार किया है. निष्पक्ष और पारदर्शी विवेचना के लिए पर्यवेक्षण समिति में दो आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है. अब डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुवाई में नौ सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति दोनों मुकदमों की विवेचना करेगी.


डीजीपी मुख्यालय में तैनात डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल को पर्यवेक्षण समिति का अध्यक्ष और 10वीं वाहिनी पीएसी बाराबंकी के सेनानायक सुनील कुमार सिंह को वरिष्ठ सदस्य नियुक्त किया गया है. इसके अलावा एएसपी खीरी अरुण कुमार सिंह, सीओ मितौली संदीप सिंह, सीओ गोला संजय नाथ तिवारी, निरीक्षक अपराध शाखा खीरी विद्याराम दिवाकर, प्रभारी निरीक्षक खीरी सियाराम वर्मा, प्रभारी जनशिकायत प्रकोष्ठ खीरी धर्मप्रकाश शुक्ल सदस्य और खीरी की स्वाट टीम प्रभारी उपनिरीक्षक शिव कुमार तकनीकी सहायक होंगे. उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व एएसपी खीरी अरुण कुमार सिंह की अगुवाई में सात सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित की गई थी, जिसके सभी सदस्य पुनगर्ठित पर्यवेक्षण समिति में शामिल हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा

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इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद शासन ने गुरुवार सुबह प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग गठित किया है.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि रविवार को किसान महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के खेल मैदान में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने की योजना बनाई थी, जो एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वहां गए थे.

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर में यह लिखा गया है कि 3 अक्टूबर को हुई हिंसा, जिसमें किसानों समेत 8 लोगों की मृत्यु हो गयी थी, वह पूरी तरह एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी, जिसे अजय मिश्रा एवं आशीष मिश्रा द्वारा अंजाम दिया गया था. तिकुनिया पुलिस थाने में इन्स्पेक्टर जगजीत द्वारा दर्ज की गई इस एफआईआर में स्पष्ट है कि आशीष 15-20 हथियारबंद लोगों के साथ तीन गाड़ियों के काफिले में वहां मौजूद थे.

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