लखनऊ: जिला जेल में रॉड से पीटे गए बन्दी के प्रकरण की जांच करने पहुंचे डीआईजी को बन्दी के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं. उन्होंने बन्दियों के अलावा जेल अधिकारियों के बयान लिए. डीआईजी ने डॉक्टर द्वारा इंजरी रजिस्टर पर जो चोटें दर्ज की थी, उन्हें देखा. अस्पताल में भर्ती दूसरे बन्दियों के भी बयान लिए. डीजी आनन्द कुमार ने डीआईजी संजीव त्रिपाठी से प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट मांगी है.
डीआईजी को बन्दी के शरीर पर मिले चोट के निशान - Accused of conspiracy to kill a prisoner
लखनऊ के जिला जेल में रॉड से पीटे गए बन्दी के प्रकरण की जांच करने पहुंचे डीआईजी को बन्दी के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं. उन्होंने बन्दियों के अलावा जेल अधिकारियों के बयान लिए.
दबंग ने किया था हमला
बताया जाता है कि जिला कारागार के अस्पताल में बन्द दबंग बन्दी सईद ने रुपये न देने पर ग्लूकोज चढ़ाने वाले रखे स्टैंड की लोहे की रॉड से बन्दी अंशुमान पांडेय पर हमला कर दिया था. जिसमें उन्हें कई चोटें आई थीं. मंगलवार को अंशुमान की मां ने जेल मुख्यालय जाकर डीजी आनंद कुमार से शिकायत की. आरोप लगाया कि बेटे को जेल भिजवाने वाले विरोधी ने उनके बेटे की जेल में हत्या कराने को साजिश रची है. जिसमें कुछ जेल अधिकारी शामिल हैं. जिसके तहत बेटे पर जनलेवा हमला कराया गया है. मां का आरोप है जेल अधीक्षक विरोधियों से मिले हुए हैं. मारपीट की घटना से करीब तीन घण्टे पहले उन्होंने अंशुमान की खुद लाठी से पिटाई की थी.
क्या बोले अधिकारी
डीआईजी संजीव त्रिपाठी ने बताया कि बन्दियों के बीच मारपीट हुई है. बन्दी अंशुमान के चोट के निशान हैं, लेकिन अभी जांच चल रही है. जांच पूरी होने पर मारपीट व रुपये मांगने की वजह साफ होगी.