लखनऊ: केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल को पूरी क्षमता का कोविड अस्पताल बनाए जाने से नॉन कोविड मरीजों की मुश्किलें और बढ़ेंगी. केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर रोजाना कई सौ गंभीर मरीजों की जान बचा रहा है. मगर अब यह भी कोविड में चला जाएगा. इससे गंभीर मरीजों की जान बचाना मुश्किल होगा. ऐसे नॉन कोविड मरीजों की मौतें के आकड़े बढ़ सकते हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत इमरजेंसी और ट्रामा के मरीजों हो होने वाली है. केजीएमयू के अलावा ट्रामा के मरीजों को उपचार करने वाला फिलहाल कोई नहीं है.
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सिविल अस्पताल की इमरजेंसी पर बोझ बढ़ा
मौजूदा वक्त में बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी बंद हो चुकी है. लोकबंधु की भी बंद चल रही है. ऐसे में लोहिया और केजीएमयू के बाद सिविल में इमरजेंसी मरीज लिए जा रहे थे, लेकिन अब यहां की इमरजेंसी में भर्ती बहुत से मरीज कोविड पॉजिटिव हो गए हैं, जिन्हें कोविड अस्पतालों में शिफ्ट भी नहीं कराया जा रहा. इस दौरान गंभीर स्थिति होने से करीब चार कोविड मरीजों की मौत हो गई. सिविल अस्पताल का स्टाफ लगातार संक्रमित हो रहा है. गुरुवार को छह से अधिक स्टाफ के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इससे यहां भर्ती अन्य नॉन कोविड मरीज भी संक्रमित हो रहे हैं. साथ ही नॉन कोविड मरीजों का इलाज भी अब बाधित हो रहा है. अन्य अस्पतालों की इमरजेंसी बंद होने से समस्या और भी विकट होगी.