लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद ने साल 2018 में प्रदेश में संचालित उन प्राथमिक विद्यालयों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक कर दिया था, जो एक ही जगह पर स्थित थे. पूरे प्रदेश में ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 24 हजार से अधिक हैं. लखनऊ में 208 विद्यालय ऐसे थे, जिन्हें विलय कर कंपोजिट विद्यालय में तब्दील कर दिया गया था. बेसिक शिक्षा विभाग में इन विद्यालयों को समायोजित करने के साथ ही इनके संचालन की व्यवस्था प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर करने का आदेश दिया था. इन विद्यालयों में एक टाइम टेबल के साथ ही प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों दोनों शिक्षकों को एक साथ ही विद्यालय में पढ़ने के निर्देश दिए थे. साथ ही दोनों विद्यालयों में जो भी शिक्षक वरिष्ठ होगा उसे कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाचार्य बनाया जाएगा. इसके बावजूद राजधानी सहित प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में शासन के मनसा के अनुरूप शिक्षण कार्य अब तक नहीं शुरू हो पाया है. एडी बेसिक की ओर से ऐसे सभी कंपोजिट विद्यालयों के संचालन नियमानुसार करने के लिए संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं.
भी तक विद्यालय में नहीं बन पाया एक टाइम टेबल
एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि मंडल के विद्यालयों के साथ ही पूरे प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में अभी तक एक समान टाइम टेबल नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में सबसे बड़ी समस्या प्राथमिक में चयनित शिक्षक उच्च प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. इसी तरह उच्च प्राथमिक का शिक्षक प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि राजधानी सहित प्रदेश में मर्ज किए गए करीब 24 हजार विद्यालयों में से 20 हजार विद्यालयों में अभी तक एक टाइम टेबल का नियम नहीं लागू हो पाया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी यहां पर दो-दो प्रधानाचार्य के साथ कम कर रहे हैं. साथ ही कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 का अलग-अलग संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इन विद्यालयों में शिक्षकों के वरिष्ठ सूची को लेकर भी विवाद सामने आया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी कक्षा 1 से 5 तक के प्राथमिक विद्यालयों के लिए अलग प्रधानाचार्य और 6 से 8 के लिए अलग प्रधानाचार्य अभी भी काम कर रहे हैं. ऐसे में लखनऊ मंडल से जुड़े सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी कंपोजिट विद्यालयों में एक समान टाइम टेबल बनवाकर जारी करें व सभी शिक्षकों को नियमित कक्षाएं लेने के निर्देश दें.
शिक्षकों की समस्या