लखनऊ : प्रयागराज में हुई माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच पर नजर रखने के लिए सूबे के डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने एक स्पेशल टीम गठित की है. जिसका अध्यक्ष एडीजी जोन प्रयागराज को बनाया गया है, वहीं पुलिस कमिश्नर प्रयागराज और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को टीम का सदस्य बनाया गया है, वहीं इस हत्याकांड की विवेचना के लिए प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने एक एसआईटी गठित की है, जिसमें मुख्य विवेचक डीसीपी को बनाया गया है.
हत्याकांड की विवेचना करेगी SIT : शनिवार को प्रयागराज के शाहगंज थाना अंतर्गत कॉल्विन अस्पताल में हुई माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की विवेचना के लिए प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. इस एसआईटी में अपर पुलिस उपायुक्त अपराध सतीश चंद्र साहू को मुख्य विवेचक और सहायक पुलिस आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश को सह विवेचक नियुक्त किया है. यह एसआईटी शाहगंज थाने में अतीक अहमद व अशरफ की हत्या के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना करेगी. इसके अलावा डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने विवेचना में सहयोग और उस पर नजर रखने के लिए एक पर्यवेक्षण टीम भी गठित की है. इस टीम को लीड अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन भानु भास्कर करेंगे, वहीं पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा और निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सदस्य बनाया है. डीजीपी ने बताया है कि 'अतीक अहमद हत्याकांड के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचनात्मक कार्यवाही के पर्यवेक्षण के लिए टीम गठित की गई है. यह टीम घटना से सम्बन्धित ठोस व पुष्टिकारक साक्ष्यों, परिस्थितिजन्य साक्ष्यों तथा डिजिटल, तकनीकी, वैज्ञानिक साक्ष्यों का समय पर संकलन करने व विश्लेषण कराते हुए विवेचक को निर्देश व मार्गदर्शन करेगी.'
न्यायिक आयोग का हो चुका है गठन :इससे पहले गृह विभाग ने कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट 1952 के तहत तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था. इस आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय हैं और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजी सुबेश कुमार सिंह व सेवानिवृत न्यायाधीश ब्रजेश कुमार सोनी सदस्य हैं. यह आयोग दो माह में जांच पूरी कर गृह विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. दरअसल, बीते शनिवार रात मेडिकल चेकअप के लिए अतीक और अशरफ को पुलिस प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल लेकर आ रही थी. जैसे ही दोनों भाई मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तभी तीन शूटर्स ने दनादन फायरिंग कर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी थी. जिसके बाद तीनों शूटर्स ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया. जिनकी पहचान कासगंज निवासी अरुण मौर्य, हमीरपुर निवासी सनी और बांदा निवासी लवलेश तिवारी के रूप में हुई है. तीनों का लंबा आपराधिक इतिहास है. फिलहाल तीनों शूटर्स को नैनी जेल भेज दिया गया है, जहां उन्हे हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है.
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