लखनऊ :मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) को लेकर उत्तर प्रदेश डीजीपी द्वारा सोमवार को एक एडवाइजरी जारी की गई. यूपी में भीड़ में हत्या जैसी वारदातों की रोकथाम के लिए DGP ने यह एडवाइजरी जारी की है. माबलिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए अब हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे. इसके उपाय और इसके शिकार पीड़ितों को मुआवजा दिलाना नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के भी इसमें निर्देश दिए गए हैं.
एडवाइजरी में DGP ने कहा है कि सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में इसके लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे. नोडल अफसर इन 6 बिंदुओं पर काम करेंगे.
1. सोशल मीडिया पर इसके के सम्बन्ध में फैलाई जा रही अफवाहों का त्वरित तत्काल खण्डन किया जाय। सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले अफवाहों को रोकने के लिए जिम्मेदार नागरिकों और डिजिटल वालिन्टियर्स का सहयोग लिया जाय।
2. इस प्रकार की घटनाओं में संलिप्त पाये जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध बिना देर किए तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए।
3. नोडल अधिकारी भीड़ द्वारा की गयी हिंसा, हत्या से पीड़ित परिवार के सदस्यों को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के अन्तर्गत अनुमन्य आर्थिक क्षतिपूर्ति आदि दिलाने के लिए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें।
4. विगत में भीड़ द्वारा कारित हिंसा, हत्या की घटनाओं का आकलन कर संवेदनशील स्थानों का चिन्हिकरण करते हुए अतिरिक्त सजगता के साथ प्रभावी कार्यवाही की जाये।
5. इस तरह की घटना आदि को बढ़ावा देने वाले आपत्तिजनक संदेशों और वीडियों आदि को प्रसारित करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर कठोर कार्यवाही की जाय।
6. चिन्हित स्थानों पर सूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय करते हुए प्रभावी पुलिस पेट्रोलिंग की कार्यवाही करायी जाय।
क्या होती है मॉब लिंचिंग ?