लखनऊ :राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित गोदावरी बैंक्विट हॉल में आयोजित शिव महापुराण कथा का समापन गुरुवार को हुआ. इसके पहले कथा वाचक स्वामी अनंतानंद ने 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी और धार्मिक महत्व की जानकारी दी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे. इस अवसर पर शिव दरबार को सुंदर-सुंदर झांकियां से सजाया गया.
स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने किया ज्योतिर्लिंगों के महात्म्य का वर्णन. कथा वाचक स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने शिवपुराण के समापन पाठ के दौरान बताया कि शिव पापों का नाश करने वाले हैं. शिव जी आकाश धरती और पाताल सभी जगह विराजमान हैं. संपूर्ण ब्रह्मांड में शिवजी की पूजा आराधना की जाती है. विश्व कल्याण के लिए उन्होंने 12 अवतार लिए हैं और वहीं पर स्थापित हो गए हैं. इन जगहों को 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.
स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने किया ज्योतिर्लिंगों के महात्म्य का वर्णन. स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने कथा में आगे कहा कि सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का ही स्वरूप हैं. हमें अपने चारों ओर का वातावरण सदैव शुद्ध रखना चाहिए. जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है. जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते.
स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने किया ज्योतिर्लिंगों के महात्म्य का वर्णन. स्वामी अनंतानंद जी महाराज ने किया ज्योतिर्लिंगों के महात्म्य का वर्णन. बता दें, लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित गोदावरी बैंक्विट हॉल में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया था. कथा वाचक स्वामी अनंतानंद जी के सानिध्य में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुष श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और सती माता के प्रसंगों को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया. शिव महापुराण कथा के समापन पर पूजा की शुरुआत कार्यक्रम संचालक चंद्रकांत द्विवेदी ने अपनी धर्मपत्नी नीलम द्विवेदी, पुत्र शिवम द्विवेदी और शुभम द्विवेदी के साथ की. कथा समापन समारोह में शिव भक्त भक्ति में मंत्र मुग्ध होकर झूमने लगे. हर हर महादेव के जयकारों लगाए गए.
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