लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने बेबाक अंदाज और ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी पैठ को लेकर जाने जाते हैं. लेकिन हौरानी की बात यह है कि वो अपने ही गढ़ में कौशांबी के सिराथू विधानसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल से 7337 वोटों से पराजित हो गए. पल्लवी पटेल को 106278 वोट मिले, जबकि बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य को 98941 वोट ही मिले. इसके बाद केशव प्रसाद ने ट्वीट कर अपनी हार स्वीकार की है. उन्होंने ट्वीट किया है ' सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जनता के फ़ैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं,एक एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूं,जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं.
2022 के चुनावी प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा केशव प्रसाद मौर्य एक मात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने सैकड़ों रैलियां व रोड शो कर पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में माहौल बनाने का काम किया. हालांकि, भाजपा के एक नेता ने कहा कि वो अपने अति व्यस्त कार्यक्रमों के कारण सही तरीके से अपने चुनावी क्षेत्र में प्रचार नहीं कर सके. लेकिन इस परिणाम का किसी को उम्मीद नहीं थी. वहीं, इस बीच केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक दोबारा काउंटिंग की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किए.
जानें पिछड़ने की वजहें
सिराथू में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा ने अपने सहयोगी पार्टी अपना दल (के) की पल्लवी पटेल को टिकट देकर बड़ा दांव खेला था. वहीं, बसपा के मुंसब अली उस्मानी के आने से मुकाबला और रोचक हो गया था. सिराथू के सियासी समीकरण को देखते हुए कुर्मी वोट सपा के पक्ष में जाते दिखे, जिसका एकतरफा फायदा पल्लवी पटेल को मिला. कुल मिलाकर मामला बिगड़ गया और मौर्य के लिए रास्ता मुश्किल हो गया.
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