लखनऊः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग से संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थियों की पात्रता की सघन जांच की जाये. छूटे हुए पात्र लाभार्थियों के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार करें. इसके साथ ही मनरेगा योजनान्तर्गत डुप्लीकेट जॉब कार्ड को हटाये जाने एवं सभी नवीन जॉब कार्ड के सापेक्ष आधार सीडिंग वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अंकित करें.
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहरी निकायों की भांति मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों का मास्टर प्लान भी तैयार करा लिया जाए. ग्राम पंचायतों में आवश्यकता के अनुसार सीसी रोड एवं जल निकासी नालियों की भी परियोजनायें बनाई जाए. श्रम सामग्री के अनुपात एवं अन्य अनुपातों (प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन व कृषि कार्य) को दृष्टिगत रखते हुए कार्य भी कराया जाए.
समूहों का अधिक से अधिक गठन किया जाए
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत समूहों का अधिकाधिक गठन किया जाये. साथ ही एसईसीसी सूची से अभी भी जो परिवार समूहों में सम्मिलित नहीं हैं, उनके समूह बनाने का कार्य प्राथमिकता पर किया जाये. समूहों की क्रियाशीलता पर विशेष बल दिया जाये. बीसी-सखी, महिला सामर्थ्य योजना एवं समूह की महिलाओं के द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे क्रियाकलापों पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि यूपीएसआरएलएम में कार्य कर रहे एनजीओ का विवरण उपलब्ध कराने तथा विभाग द्वारा उनके प्रस्तुतिकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये. आदर्श ग्राम बनाने के लिए किसी राज्य में विकसित किए गये सर्वश्रेष्ठ मॉडल का अध्ययन कर सुझाव प्रस्तुत किया जाये.