लखनऊ : भारत किसानों का देश है और सहकारिता किसानों से जुड़ा है. जब को-ऑपरेटिव की बात आती है तो एक ऐसी संस्था/विभाग का नाम आता है जो सबको साथ लेकर चलती हैं. ये बातें सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहीं. वे 69वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह-2022 के अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी संघ द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस निर्यात संवर्धन विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर द्वारा अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह (All India Cooperative Week)-2022 का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. कृषि अवस्थापना निधि (एआईएफ) तथा साधन सहकारी समिति (पैक्स) के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर लाभान्वित किया गया तथा उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका सहकारिता का विमोचन किया गया है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग की समस्त संस्थाएं किसानों के हित के लिए कार्य कर रहीं हैं. किसानों को बीज, खाद्य, कृषि ऋण आदि आवश्यकताओं की पूर्ति ये संस्थाएं करती हैं. सहकारी सेक्टर का लगातार विस्तार हो रहा है. सहकारिता के माध्यम से ऊसर बंजर जमीनों में हरी-भरी फसलें लहलहा रही हैं. गरीब किसानों उप्र को-ऑपरेटिव बैंक तथा भूमि विकास बैंक (एलडीबी) कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही हैं.