लखनऊ :राजधानी लखनऊ में बीते बुधवार को केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. वेतन कटौती को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश रहा, जिसको लेकर उन्होंने पूरे दिन हड़ताल की. जिसकी वजह से ओपीडी बाधित रही. इसके अलावा ट्राॅमा सेंटर को जब कर्मचारियों ने घेरा तो गेट बंद कर दिया गया. इस दौरान बहुत से मरीज इलाज के लिए घंटों इंतजार करते रहे. इस दौरान एक मरीज की मौत भी हो गई थी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचे, जहां पर उन्होंने चिकित्सा व्यवस्था की जांच की. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी के साथ न्याय होगा. संबंधित संस्था के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ट्राॅमा सेंटर में मरीजों का जाना हाल :केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले उपमुख्यमंत्री ने इलाज करने के लिए पहुंचे मरीजों से बातचीत की और उनसे उनका हाल पूछा. इस दौरान बहुत से मरीज स्ट्रेचर पर इलाज का इंतजार कर रहे थे. उन मरीजों को भी डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद तुरंत भर्ती कराया गया.
कर्मचारियों को दी कड़ी चेतावनी :डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को खास तौर से चेतावनी दी है कि अस्पताल के अंदर किसी भी तरह का हड़ताल नहीं होना चाहिए. क्योंकि, इसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ता है. बहुत से मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं. कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनका वेतन मिलेगा. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. इस पूरे मामले में जो भी दोषी हैं, उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.'
'अस्पताल में हड़ताल अस्वीकार' :डिप्टी सीएम ने खासतौर से यह बात कही की किसी भी अस्पताल में कर्मचारियों का हड़ताल बिल्कुल अस्वीकार है. रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए यहां पर आते हैं. ऐसे में जब मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है तो वह परेशान होते हैं. कर्मचारियों को मरीज के बारे में सोचना चाहिए. अगर किसी बात को लेकर कोई दिक्कत समस्या है तो संबंधित उच्च अधिकारी से संपर्क करें. हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.
कार्यदायी संस्था के खिलाफ भी होगी कड़ी कार्रवाई :डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से बातचीत के दौरान साफ तौर पर यह बात कही की कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर कार्यदायी संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. जांच चल रही है, जांच में संस्था अगर दोषी पाई जाती है तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.'