लखनऊ: विधानसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तमाम तरह के गंभीर आरोप और हमला बोलने के बाद सदन में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जवाबी हमला किया. उन्होंने समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान गुंडे माफियाओं के हावी होने की बात कही. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों की नाराजगी के बहाने सपा पर हमला भी बोला. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोप के बाद जवाब देते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक विशेष जाति के लिए काम करने वाली पार्टी है उन्होंने समाजवादी पार्टी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए और कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कानून व्यवस्था बदहाल थी.
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य समाजवादी पार्टी के विधायकों से कहा कि खाओ विद्या कसम की समाजवादी पार्टी की सरकार में ऐसा नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि मैंने सुना था कि जब राजा का राजपाट चला जाता है तो वह डिस्टर्ब हो जाते हैं, ठीक इसी प्रकार समाजवादी पार्टी की सरकार जब से गई है तब से समाजवादी पार्टी के नेता भी पूरी तरह से डिस्टर्ब हो गए हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जो बात कही है वह पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता राम मनोहर लोहिया जनेश्वर मिश्रा जैसे नेताओं से आज के नेताओं की कोई तुलना नहीं है यह लोग ठेकेदार की भूमिका में है.
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आगे कहा कि चाचा सामने बैठे हुए हैं और उनकी पीड़ा कोई इनसे ही पूछे, हमने सुना था कि समाजवाद का मतलब होता है कि एक रोटी है तो सब लोग बांट कर खा ले, लेकिन यह नहीं सुना था कि चाचा का ही पत्ता साफ कर दिया जाएगा. हम इनकी पीड़ा समझते हैं.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश की चुटकी लेते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि मैं नेता विरोधी दल की बात कहना चाहता हूं बेचारे सज्जन आदमी है लेकिन आसपास के लोग उन्हें हमेशा गुमराह करते हैं. पीछे से लोग भी इतना कागज पकड़ा रहे थे कि जितनी उन्होंने आज तक ना देखे होंगे. आगे कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान गुंडे माफिया हावी थे. ठेके पर नकल कराई जाती थी. लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर एक विशेष जाति के नाम पर रख दिया गया था. उस आयोग के कार्यकाल के दौरान एक ही जाति के एसडीएम और सीओ बनते थे.
उन्होंने आगे कहा कि राज्यसभा में जब महिला आरक्षण बिल आया था तो समाजवादी सदस्यों ने इसका विरोध किया था. इसके अलावा ओबीसी आरक्षण के दौरान फाड़ दिया था. समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बिल फाड़ दिया था. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कानून व्यवस्था के जिक्र करते हुए कहा कि हजरतगंज में समाजवादी पार्टी के एक नेता ने सीओ को बोनट पर टांग कर पूरे शहर में घुमाने का काम किया था. आगे कहा कि इस मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई थी. उन्होंने आगे कहा कि खाओ विद्या कसम कि ऐसा हुआ था कि नहीं, हम विद्यार्थी मानते हैं खुद को, लो कागज उठाओ खाओ विद्या की कसम, कि ऐसा था कि नहीं. अंत में उन्होंने शायरी पढ़ते हुए कहा कि जलन आंखों में तल्खी चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं जिनके वही खाते बिगड़ पड़े हैं वह मेरा हिसाब लिए फिरते हैं.
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