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डिप्टी सीएम केशव ने लिखा सीएम योगी को पत्र, LDA के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कमर्शियल प्लाॉट की आवंटन, प्लॉट के फर्जीवाड़े, पुरानी योजनाओं की गायब हुई फाइलें, निजी बिल्डर को फायदा पहुंचाने जैसे कई मामलों को शामिल किया है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.

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Published : Nov 15, 2019, 11:52 AM IST

लखनऊःउपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण में हुई अनियमितताओं की जांच और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है. वहीं उपमुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के शिकायती पत्र और लखनऊ विकास प्राधिकरण में हुई अनियमितताओं की जानकारी बिंदुवार मुख्यमंत्री को भेजी है, जिससे कठोर कार्रवाई की जा सके.

डिप्टी सीएम केशव ने लिखा सीएम योगी को पत्र.

क्या लिखा है पत्र में
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में पिछले एक साल में कमर्शियल प्लाट की नीलामी में कई गड़बड़ी सामने आई है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. फर्जी तरीके से समायोजन, ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर गोमती नगर, जानकीपुरम के कई प्लॉट के आवंटन से जुड़ी फाइलें गायब हैं. कई मामलों में एलडीए के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार और संयुक्त सचिव डीएम कटियार को हटाने की सिफारिश भी हुई, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो सका.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा लिखा गया पत्र.

इसी साल मई माह में मुझे ज्ञात हुआ कि गोमती नगर विस्तार में कई ऐसे डिफाल्टर आवंटित हैं, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई. मिली भगत करके करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानपुर रोड वसंत कुंज योजना, जानकीपुरम योजना में 30 से 40 का प्लॉट मिला था. उन्हें बदलाव नियम के चलते उस प्लॉट की जगह गोमती नगर विस्तार में 150 वर्ग मीटर का प्लॉट दे दिया गया.

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कंपनियों पर काम समय पर पूरा न करने का आरोप
डिप्टी सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि तमाम कंपनियां सरकारी निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं कर सकीं और उन्हें ब्लैक लिस्ट तक नहीं किया गया. नियम के अनुसार कमर्शियल प्लॉट की नीलामी में तीन साल पुरानी कंपनी ही शामिल हो सकती है, लेकिन एलडीए के अधिकारियों ने मात्र नौ दिन पहले बनी कंपनी को नीलामी में शामिल कर लिया और नियमों को ताक में रखकर करोड़ों की कीमती कमर्शियल प्लॉट आवंटित कर दिया गया. इसमें बड़ा घोटाला किया गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

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