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डिप्टी सीएम ने कहा, एंटी रैगिंग सेल गंभीरता से हॉस्टल से लेकर क्लास रूम तक करे निरीक्षण

मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में छात्रों को रैगिंग से बचाने की दिशा में संस्थान प्रशासन खास एहतियात बरतें. रैगिंग जैसी घटनाएं किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए. यह निर्देश शुक्रवार उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने दिया.

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Published : Dec 2, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 3:59 PM IST

लखनऊ :मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में छात्रों को रैगिंग से बचाने की दिशा में संस्थान प्रशासन खास एहतियात बरतें. रैगिंग जैसी घटनाएं किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए. साथ ही अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है तो उस पर तुरंत संज्ञान लें. यह निर्देश शुक्रवार उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने दिया.

उन्होंने प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व संस्थान के निदेशकों को रैगिंग रोकने के प्रयास करने के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों में नए शैक्षिक सत्र के तहत एमबीबीएस में दाखिले हो चुके हैं. शिक्षण कार्य भी प्रारंभ हो गया है. ऐसे में रैगिंग की घटनाएं न हों, इस दिशा में अधिकारी प्रयास करें. छात्रों की शिकायत का तुरंत संज्ञान लें.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि सभी कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल को एक्टिव किया जाए. हॉस्टलों के वार्डन सतर्कता बरतें. आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि रैगिंग जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि रैगिंग अपराध है. घटना में लिप्त छात्र का कैरियर तक खराब हो सकता है, लिहाजा इसे कॉलेजों में पनपने से रोकें. छात्र-छात्राएं रैगिंग से दूर रहें. मन लगाकर पढ़ाई करें. डिप्टी सीएम ने कहा कि एंटी रैगिंग सेल गंभीरता से हॉस्टल से लेकर क्लास रूम तक निरीक्षण करे.

कॉलेज व संस्थान परिसर में जगह-जगह एंटी रैगिंग सेल के प्रमुख का मोबाइल व हेल्पलाइन नम्बर का प्रदर्शन किया जाए. ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सीनियर छात्रों को रैगिंग के दुस्प्रभाव से अवगत कराया जाए, वहीं नए प्रवेशित छात्रों को भी रैगिंग को लेकर जागरूक किया जाए.

ये प्रबंध करें
-हॉस्टल व मुख्य रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.
-एंटी रैगिंग सेल छात्रों से समय-समय पर संवाद करें. उन्हें जागरूक करें.
-सीनियर छात्रों की काउंसलिंग की जाए, ताकि वे रैगिंग जैसी घटना को अंजाम न दें.
-अधिकारी हॉस्टल का निरीक्षण करें.
-छुट्टी के वक्त क्लास रूम के बाहर एंटी रैगिंग सेल के सदस्य मौजूद रहें.
-सुरक्षा व्यवस्था के बीच छात्रों को हॉस्टल से क्लास रूम और छुट्टी के बाद क्लास रूम से हॉस्टल तक पहुंचाया जाए.

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Last Updated : Dec 2, 2022, 3:59 PM IST

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