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डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश, मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्रों का करें निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन सबंधित जनपद के चार से पांच स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी, सीएचसी, आयुष्मान वेलनेस सेंटर इत्यादि) का स्थलीय निरीक्षण करें.

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Published : Oct 27, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 8:19 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन सबंधित जनपद के चार से पांच स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी, सीएचसी, आयुष्मान वेलनेस सेंटर इत्यादि) का स्थलीय निरीक्षण करें. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ कराया जाए एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराया जाना सुनिश्चित करें, जिससे स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार के लिए आने वाले जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकें.

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों, पैरामेडिकल व अन्य कर्मियों की उपलब्धता, समय से उपस्थिति, ड्यूटी रोस्टर एवं चिकित्सालय, स्वास्थ्य केंद्रों के दीवार पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के नाम एवं मोबाइल नंबर की पेन्टिंग, औषधियों एवं एआरवी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, मरीजों एवं उनके तीमारदारों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था, मरीजों के लिए स्ट्रेचर, व्हील चेयर की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता के साथ ही रोगी भर्ती की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए.

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारी प्रत्येक सोमवार को विगत सप्ताह में अपने द्वारा निरीक्षण किए गए स्वास्थ्य केंद्रों की सूची महानिदेशालय को ई-मेल monitoring cell.dgmh@gmail.com पर समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी अस्पतालों में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में शव को ले जाने की व्यवस्था शव वाहन के माध्यम से निश्चित रूप से सुनिश्चित की जाए. भविष्य में शव वाहन के अभाव में शव को न भेजने की शिकायत प्राप्त होने पर इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का होगा.



उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि समस्त जिला चिकित्सालयों (पुरुष, महिला, संयुक्त) समस्त चिकित्सा इकाईयों के आकस्मिक कक्ष में आने वाले मरीजों की देखभाल तथा चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रवेश द्वार पर एक स्वास्थ्य कर्मी को तैनात किया जाए. यह स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सालय की वर्दी (यूनीफार्म) पहनकर व्हील चेयर स्ट्रेचर इत्यादि के साथ आकस्मिक कक्ष के प्रवेश द्वार पर तैनात रहेगा.



उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त सरकारी चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) काउंटर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन, विशिष्ट वर्ग के मरीजों (जैसे गर्भवती महिलाएं इत्यादि) तथा आयुष्मान भारत के कार्डधारकों के लिए अलग काउंटर बनाया जाए, जिससे इन मरीजों को सुगमता से ओपीडी पर्चा प्राप्त हो सके. इसके अतिरिक्त समस्त सरकारी चिकित्सालयों में डिस्चार्ज के समय मरीज को दिए जाने वाले डिस्चार्ज प्रपत्र तथा पैथालॉजी से सम्बन्धित निर्गत प्रपत्र (रिपोर्ट) पर सबसे नीचे की पंक्ति पर "हम आपके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं", का अंकन किया जाना सुनिश्चित करें.



उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलों में स्थापित पोस्टमार्टम हाउस का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित किया जाए. पोस्टमार्टम हाउस में सभी संबंधित उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए. इस संबंध में शासन स्तर से प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, निदेशक, प्रमुख, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को औपचारिक निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

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Last Updated : Oct 27, 2022, 8:19 PM IST

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