लखनऊ. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन सबंधित जनपद के चार से पांच स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी, सीएचसी, आयुष्मान वेलनेस सेंटर इत्यादि) का स्थलीय निरीक्षण करें. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ कराया जाए एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराया जाना सुनिश्चित करें, जिससे स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार के लिए आने वाले जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा सकें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों, पैरामेडिकल व अन्य कर्मियों की उपलब्धता, समय से उपस्थिति, ड्यूटी रोस्टर एवं चिकित्सालय, स्वास्थ्य केंद्रों के दीवार पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के नाम एवं मोबाइल नंबर की पेन्टिंग, औषधियों एवं एआरवी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, मरीजों एवं उनके तीमारदारों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा परिसर में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था, मरीजों के लिए स्ट्रेचर, व्हील चेयर की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता के साथ ही रोगी भर्ती की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए.
उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारी प्रत्येक सोमवार को विगत सप्ताह में अपने द्वारा निरीक्षण किए गए स्वास्थ्य केंद्रों की सूची महानिदेशालय को ई-मेल monitoring cell.dgmh@gmail.com पर समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी अस्पतालों में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में शव को ले जाने की व्यवस्था शव वाहन के माध्यम से निश्चित रूप से सुनिश्चित की जाए. भविष्य में शव वाहन के अभाव में शव को न भेजने की शिकायत प्राप्त होने पर इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का होगा.