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एलयू के विभागों को अगले सत्र से मिल सकता एकेडमिक ऑटोनॉमस का स्टेटस - लखनऊ खबर

लखनऊ विश्वविद्यालय विभागों को अगले सत्र से एकेडमिक ऑटोनॉमस के तर्ज पर कार्य करने का मौका दे सकता है. इसके लिए विवि प्रशासन ने तैयारियां शुरू भी कर दी है. इससे विभागों को पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक की सारी जिम्मेदारी खुद से ही करनी होगी.

एलयू के विभागों को अगले सत्र से मिल सकता एकेडमिक ऑटोनॉमस का स्टेटस
एलयू के विभागों को अगले सत्र से मिल सकता एकेडमिक ऑटोनॉमस का स्टेटस

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Published : Dec 5, 2020, 1:42 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय 2021-22 सत्र से विभागों को एकेडमिक ऑटोनॉमस के तर्ज पर कार्य करने का मौका दे सकता है. इसके लिए विवि प्रशासन ने तैयारियां शुरू भी कर दी है. इसके अंतर्गत पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक की सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी. साथ ही अगले सत्र से पीजी की प्रवेश प्रक्रिया विभाग अपने स्तर से करा सकेंगे.

गौरतलब है कि अब तक विभागों को एकेडमिक व वित्त समिति संबंधी गतिविधियों को शुरू करने के लिए एकेडमिक गाइडलाइंस का पालन करना पड़ता है, इसके लिए विवि पर निर्भर रहना पड़ता है. वर्तमान में यूनिवर्सिटी में 45 विभाग संचालित हो रहे हैं. ऐसे में एकेडमिक लिहाज से विवि प्रशासन का मानना है कि विभागों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने देना चाहिए. इससे विभागों को अपने स्तर पर निर्णय लेने में आसानी होगी, जबकि जहां जरूरत होगी यूनिवर्सिटी वहीं हस्तक्षेप करेगी. इतना ही नहीं विभाग अपने स्तर पर ही पेपर सेटअप कर परीक्षा भी कराएंगे.

विभाग कराएंगे पीजी की प्रवेश प्रक्रिया
बता दें कि इस वर्ष पीजी प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को देखते हुए ही अगले सत्र से सेंट्रलाइज्ड एडमिशन की प्रक्रिया के बजाय विभाग अपने स्तर से पीजी के प्रवेश करा सकेंगे. इसके लिए आवेदन से लेकर मेरिट तैयार करने की दिशा में यूनिवर्सिटी की तरफ से बदलाव करने की संभावना बढ़ गई हैं.

विभाग निर्णय लेने को होंगे स्वतंत्र
लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि एकेडमिक लिहाज से विभागों के ऑटोनॉमस होने से क्वालिटी को लेकर विभाग निर्णय लेने को स्वतंत्र होंगे. अगले सत्र से सेंट्रलाइज्ड एडमिशन की प्रक्रिया से पीजी को बाहर रखा जा सकता है. अन्य फाइनेंशियल पावर बढ़ाने के लिए वित्त समिति में प्रस्ताव रखा जाएगा.

एलयू के विभागों को अगले सत्र से मिल सकता एकेडमिक ऑटोनॉमस का स्टेटस

100 साल पुरानी पहली डिग्री लविवि को सौंपी
लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से शुक्रवार को विशेष अतिथि सिराज उद्दीन अहमद के पुत्र कर्नल फसीह अहमद ने मुलाकात की. उन्होंने अपने पिता की इंटरमीडिएट, बैचलर ऑफ साइंस और बैचलर ऑफ लॉ की मूल डिग्री विवि को सौंपी. दरअसल संरक्षित 100 साल पुरानी पहली डिग्री कर्नल फसीह के पिता की कैनिंग कॉलेज से मिला इंटरमीडिएट की डिग्री है. दूसरी डिग्री कैनिंग कॉलेज से नवंबर 1920 में लखनऊ विश्वविद्यालय बने इस संस्था की पहले स्नातक पाठ्यक्रम की डिग्रियों में से एक है. कर्नल फसीह ने जो खुद लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र थे. उन्होंने पुरानी याद ताजा की और कहा कि 1920 में इंटर पास किया और लखनऊ के नवगठित विश्वविद्यालय में पहले स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम में दाखिला लिया. उन्होंने 1922 में रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और जूलॉजी के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1925 में अपनी व्यावसायिक विधि की डिग्री पूरी की. उसी वर्ष उन्हें इम्पीरियल पुलिस बल के लिए चुना गया और जिस दिन भारत ने स्वतंत्रता हासिल की, वे उत्तर प्रदेश के पहले भारतीय डीआईजी बने.

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