लखनऊःअभी तक लोग कोरोना संक्रमण से ही जूझ रहे थे. लेकिन अब बारिश के मौसम में डेंगू ने भी दस्तक दे दी है. राजधानी भी डेंगू के डंक से अछूती नहीं है. यहां के विभिन्न अस्पतालों में 250 से अधिक बुखार के मरीज पहुंचे. वहीं इमरजेंसी में गंभीर मरीजों की भरमार है. ऐसे में वार्ड फुल हो गए हैं.
बलरामपुर, सिविल, लोहिया, रानी लक्ष्मीबाई, भाउराव देवरस समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में बुखार के मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. ओपीडी में 30 फीसदी बुखार पीड़ितों की संख्या बढ़ी है. प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक में भी बुखार के मरीज आ रहे हैं. अस्पतालों में 200 से ज्यादा बुखार पीड़ित भर्ती हैं. डेंगू की आशंका को लेकर बुखार के 20 से 25 फीसदी मरीजों की डॉक्टरों ने खून की जांच कराई. वहीं फैजुल्लागंज में एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है.
नहीं खाली है अस्पतालों की इमरजेंसी
अस्पतालों की इमरजेंसी फुल हो गई है. ट्रॉमा सेंटर, लोहिया संस्थान, सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में सभी बेड भरे हैं. यहां आये मरीजों का कोरोना टेस्ट से पहले वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. ऐसे में इमरजेंसी फुल हो गई है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना और मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े और मल मार्ग से खून आना है. इसके साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना. बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
आसपास न जमा होने दें पानी
घर और आसपास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.