लखनऊ :लखनऊ विश्वविद्यालय सहित संबद्ध डिग्री कॉलेज में छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय (student union elections) परिसर में चल रहा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मंगलवार को दूसरे दिन लगातार कई चरणों की वार्ता होती रही, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे. एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन जहां विद्यार्थियों से उनकी मांग से जुड़ा प्रस्ताव मांगता रहा, वहीं छात्र से छात्रसंघ चुनाव की तारीख को लेकर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे, हालांकि दोपहर में एक बार पुलिस और छात्रों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. पुलिस ने विद्यार्थियों को धरना स्थल से उठाने के लिए बल का प्रयोग किया और जबरदस्ती उठाकर गाड़ी में बैठने की कोशिश की. विद्यार्थी पुलिस की गाड़ी से कूदकर वापस धरना स्थल पर आकर बैठ गए, जिसमें कई विद्यार्थियों को हल्की-फुल्की छोटें भी आई हैं, वहीं प्रॉक्टीरियल बोर्ड ने विद्यार्थियों से वार्ता करने के लिए कई राउंड कोशिश की, लेकिन छात्र लिखित आश्वासन लिए बिना धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हुए.
छात्र बोले, 'अब बिना लिखित आश्वासन के नहीं समाप्त होगा धरना' :छात्रसंघ बहाली को लेकर धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से बीते एक वर्ष से वार्ता चल रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार केवल झूठे आश्वासन देकर उनकी मांगों को टालता आ रहा है. धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना था कि इस बार जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वह अपना धरना समाप्त करेंगे नहीं. मंगलवार की सुबह भी छात्रों ने पूरी तैयारी के साथ अपना प्रदर्शन शुरू किया था. विद्यार्थियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू की. सोमवार की रात को जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, वहीं मंगलवार को भी पीएससी कैंपस में तैनात कर दिया गया. इस दौरान पुलिस के कई बड़े आला अधिकारी व प्रॉक्टोरियल बोर्ड विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश करते रहे.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि 'छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए शासन की तरफ से कोई भी दिशा निर्देश नहीं मिला है. इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी तरफ से कोई निर्णय नहीं ले सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्र अपना लिखित ज्ञापन दें तो उसे शासन तक पहुंचाया जाएगा, ताकि शासन उनकी मांगों पर विचार कर सके.'