लखनऊ :इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लगाए जाने की कड़ी आलोचना की है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने इसे अलोकतांत्रिक बताया है, तथा कहा है कि एस्मा लगाकर कर्मचारियों को डराना उचित नहीं है.
एस्मा श्रमिक विरोधी और संविधान की मूल भावना के खिलाफ
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि एस्मा श्रमिक विरोधी एवं संविधान के मूल भावना के विपरीत हैं. अतुल मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में कर्मचारी पूरे जी-जान से कोविड-19 संक्रमण से देश की जनता को बचाने एवं उसके उपचार में लगा हुए हैं. जबकि सरकार ने कर्मचारियों को प्रोत्साहन में बांट दिया. मृत्यु उपरांत अनुग्रह राशि में कोविड- नॉन कोविड में बांट दिया. भत्ते रोके, महंगाई भत्ते की 3 किस्तें फ्रीज हैं. किसी संगठन ने हड़ताल की नोटिस नहीं दी है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकार कर्मचारियों का कोई बड़ा नुकसान करने की योजना बना रही है.
डराने की बजाय निकालें समाधान
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार डराने के बजाए कर्मचारियों की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करे. हड़ताल कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है.