लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में सोमवार को कार्य परिषद ने 16 शिक्षकों के प्रमोशन को मंजूरी प्रदान कर दी. इस तरह करीब सात साल बाद कई शिक्षक प्रोफेसर बने हैं. इसके अलावा दो शिक्षकों को एसोसिएट और नौ असिस्टेंट प्रोफेसरों को अगले स्टेज पर प्रमोशन मिला है. हालांकि, इस मामले पर वित्त अधिकारी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई. लेकिन, कुलपति ने खारिज कर दी. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की ओर से अपने प्रमोशन और दूसरी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद कुलपति प्रो. सुबीर कुमार भटनागर शिक्षकों के प्रमोशन के मामले को पूरा करने को तैयार हुए.
सोमवार को विश्वविद्यालय में हुई कार्य परिषद की बैठक में मुहर लगाए जाने के बाद वर्षों से शिक्षकों का रुका हुआ प्रमोशन शिक्षकों को मिल गया. कार्य परिषद ने डॉ. विशालाक्षी, डॉ. एपी सिंह, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. वंदना सिंह और डॉ. केऐ पांडे को चयन समिति की संस्तुतियों के आधार पर प्रोफेसर पद पर कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन किए जाने पर अपनी मुहर लगाई. साथ ही डॉ. रजनीश यादव और डॉ. प्रेम गौतम को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत एसोशिएट प्रफेसर पद पर पदोन्नत की स्वीकृत दी.
इसी प्रकार से असिस्टेंट प्रफेसर के पदों पर कार्यरत नौ प्रवक्ताओं अमनदीप सिंह, अपर्णा सिंह, मनोज कुमार, शशांक शेखर, विकास भाटी, विपुल विनोद, शकुंतला संगम, मिताली तिवारी (अर्थशास्त्र) और अलका सिंह (अंग्रेजी) को स्टेज तीन और पे स्केल पर प्रमोशन करने की अपनी सहमति प्रदान दी. ये सभी पदोन्नतियां एलिजिबिलिटी की तिथि से लागू मानी जाएंगी. हालांकि, वित्त अधिकारी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जब तक इनके पदों का स्थायीकरण नहीं हो जाता, तब तक वित्तीय दृष्टिकोण से ऐसे सततीकरण वाले पदों पर पदोन्नति नहीं की जा सकती है. लेकिन, कुलपति ने इस वित्तीय आपत्ति को ख़ारिज करते हुए कहा कि उनकी सलाह को कार्यवृत्त में रिकॉर्ड करते हुए पदोन्नति पत्र निर्गत कर दिए जाएंगे.