लखनऊ:गांधी जी ने स्वदेशी और ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए खादी को घर-घर तक पहुंचाने का काम शुरू हुआ था. जिसके बाद बदलते समय के साथ खादी के उत्पाद गांधी आश्रम के स्टोर के माध्यम से बिकने लगे. सन् 2000 के बाद खादी की चाहत में कमी देखने को मिली, लेकिन पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद खादी का फैशन एक बार फिर बढ़ गया. खादी इंडिया की शुरुआत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. कोरोना के दौर में खादी के मास्क, गमछे और प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाली औषधियां खूब बिक रही हैं. हालांकि खादी के अन्य उत्पादों की बिक्री में 50 प्रतिश की गिरावट जरूर दर्ज की गई है.
लखनऊ: कोरोना काल में बढ़ी खादी के मास्क और गमछे की डिमांड
कोरोना काल में जहां रोजगार और व्यापार दोनों प्रभावित रहे. वहीं खादी के मास्क और गमछे इस महामारी के दौरान खूब बिक रहे हैं. हालांकि खादी के सामानों की कुल बिक्री में 50 प्रतिशत की गिरावट जरूर दर्ज की गई है.
समय के साथ खादी ने बदला रूप
कोरोना इस दौर में जहां रोजगार और व्यापार दोनों प्रभावित है, तो वहीं इस बदलते समय में सबसे ज्यादा बदलाव खादी आश्रम, खादी इंडिया ने किया है. खादी आश्रम ऐसा माना जाता था कि यहां पर पुराने तौर तरीके के अनुसार ही खादी के वस्त्र बनाए जाते हैं. लेकिन बदलते समय के साथ खादी के प्रति सोच बदलने लगी. बीजेपी की सरकार आने के बाद खादी इंडिया के माध्यम से खादी फैशन बन गया.
लखनऊ में खादी इंडिया स्टोर मैनेजर मणि प्रकाश सिंह ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में 50 प्रतिशत बिक्री प्रभावित हुई है, लेकिन इस दौर में भी खादी के माध्यम से और आयुर्वेदिक औषधियां खूब बिक रही हैं.