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कम दूरी के लिए अनुबंधित बसों के संचालन की मांग

कोरोना के कहर के कारण परिवहन निगम की हालत खस्ता है. परिवहन निगम की सभी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. वहीं अनुबंधित बसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है. हालांकि कम दूरी के लिए अनुबंधित बस स्वामियों ने यूपीएसआरटीसी के अपर प्रबंध निदेशक से शेष 30 फीसदी बसों को संचालित करने की अनुमति मांगी है.

कम दूरी के लिए अनुबंधित बसों के संचालन की मांग
कम दूरी के लिए अनुबंधित बसों के संचालन की मांग

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Published : Jun 2, 2021, 7:08 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (up state road transport corporation) से अनुबंध पर संचालित हो रहीं 70 फीसदी बसें कोरोना महामारी के दौरान 31 मई तक सरेंडर कर दी गई थीं. अनुबंधित बस स्वामियों ने यूपीएसआरटीसी के अपर प्रबंध निदेशक से शेष 30 फीसदी बसों को संचालित करने की अनुमति मांगी है.

350 बसें हैं आरटीओ में सरेंडर
बता दें कि लखनऊ रीजन में करीब 500 अनुबंधित बसों का संचालन हो रहा था. इनमें यात्रियों की कमी के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू के आदेश पर 350 अनुबंधित बसें आरटीओ में सरेंडर कर दी गई थीं. अब बस स्वामियों ने शेष रह गईं 150 बसें चलाने की मांग की गई है, जिससे छोटी दूरी तक सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिल सके. आलमबाग डिपो के अनुबंधित बस स्वामी एसके भदौरिया ने बताया कि जो बसें सरेंडर करने से बच गई हैं, उन्हें भी एक जून से सरेंडर करते हुए बसों के संचालन पर रोक लगा देने के आदेश दे दिए गए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में कोरोना कर्फ्यू खत्म होने पर सवारियों का आवागमन बढ़ गया है. उन्होंने परिवहन निगम के एमडी से कोरोना से स्थिति दुरुस्त होने पर बसों के संचालन पर लगी रोक हटाने की मांग की है.

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रोडवेज की नहीं चल पा रहीं सभी बसें
बता दें कि परिवहन निगम की ही अभी सभी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अनुबंध पर चल रही बसों को इजाजत नहीं देने का निर्णय लिया गया है. हालांकि अनुबंधित बस स्वामी चाहते हैं कि छोटी दूरी के लिए अनुबंधित बसों के संचालन को भी परिवहन निगम प्रशासन को इजाजत देना चाहिए, जिससे यात्रियों को सहूलियत मिलेगी.

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