लखनऊ: प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों के स्थानांतरण नियमावली में संशोधन को लेकर शिक्षक संघ की ओर से उच्च शिक्षा मंत्री को एक पत्र भेजा गया है. एसोसिएशन उच्च शिक्षा मंत्री से महाविद्यालय शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में तय नियमावली को संशोधित करने की मांग की है. ज्ञात हो कि मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 5 वर्ष की नौकरी पूरी होनी चाहिए. इसके बाद ही कोई शिक्षक एक जनपद से दूसरे जनपद में स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकता है. ज्ञात हो कि शासन ने पहले भी स्थानांतरण के लिए निर्धारित नौकरी की अवधि को 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया था. शिक्षक संघ अब इसे और घटाकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के सम्मान करने की मांग कर रहा है.
एआईएफयूसीटीओ ने 2 वर्ष व एनओसी की व्यवस्था समापत करने की मांग
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईएफयूसीटीओ) के उपाध्यक्ष प्रोफेसर विवेक द्विवेदी उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कहा कि महाविद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण में समय पात्रता कम करने का लगातार संगठन द्वारा मांग किया जा रहा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि इससे पहले भी हम उनसे मिलकर अपनी बात रख चुके है. नई सेवा शुरू करने वाले शिक्षकों का समय अधिक बीत जाने के बाद भी स्थानांतरण का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. ऐसे में उन्होंने अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की एकल स्थानांतरण में समय सीमा अधिकतम 2 वर्ष और एनओसी की बाध्यता समाप्त करने के साथ पद आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने की मांग की है.