लखनऊ :पूरा देश आजादी की 76वीं वर्षगांठ 'मेरा माटी मेरा देश' के रूप में मना रहा है. मलिहाबाद के बागवान ने एक ऐसा आम तैयार किया है, जिसके रस से देशभक्ति की मिठास टपकेगी. देश के कई प्रदेशों में इस आम के पेड़ की मांग बढ़ गई है. मुजासा के रहने वाले बागवान जुबैर अहमद ने शहीदों की याद में '15 अगस्त मैंगो' आम तैयार किया है. उनका कहना है कि 'आम को तैयार करने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को शहीदों की कुर्बानी याद यह आम दिलाता रहेगा.'
देश भर में बढ़ी '15 अगस्त मैंगो' पौधे की डिमांड, इन जगहों पर भेजे गए - पौधे की डिमांड
मलिहाबाद के बागवान जुबैर अहमद ने शहीदों की याद में '15 अगस्त मैंगो' नाम के आम की नस्ल पिछले वर्ष तैयार की थी. देश भर में 15 अगस्त पौधे की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, जिसको लेकर आम के पौधे लेने के लिए लोग नर्सरी पर पहुंच रहे हैं.
जुबैर अहमद पेशे से नर्सरी संचालक हैं और वह समय-समय पर आम की नई-नई किस्में तैयार करते रहते हैं. जुबैर अहमद ने बताया कि '15 अगस्त मैंगो' सभी आम से अलग है. इसका वजन 800 सौ ग्राम के आसपास होता है. यह आम शुरुआत में हरे रंग और पकने के प्रक्रिया शुरू होने पर सुर्ख और पक जाने पर लाल रंग का हो जाता है. यह आम 15 अगस्त तक परिपक्व हो पाता है. सितंबर माह में यह आम पक जाता है और आप रसास्वादन का आनंद ले सकते हैं. इसका स्वाद आपको एक अलग ही ज़ायका देगा. तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद इस आम की कलम को तैयार किया जा सका है. अभी इस आम के पेड़ को बाजार में आने में कुछ और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. अभी इसकी कलम तैयार की जा रही है. इस वर्ष लगभग दो दर्जन पेड़ तैयार हुए हैं. जोकि केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल में भेजे गए हैं, जहां पर इन पेड़ों की काफी मांग हुई है.
मायूस होकर लौट रहे लोग :बागवान जुबेर अहमद ने बताया कि 'पौधों की डिमांड बढ़ने से लखनऊ शहर के आस-पास के लोग नर्सरी पर पहुंच रहे हैं, जिसमें ज्यादातर अधिकारी व लोकल स्थानीय लोग हैं, लेकिन पौधे न होने के चलते उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. 15 अगस्त के पौधे तैयार किये जा रहे हैं. बहुत जल्द यह सभी लोगों के बीच में उपलब्ध हो सकेंगे.'