लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश भर के बस स्टेशनों के नाम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर रखने के निर्देश दिए थे. इसके लिए अधिकारियों की समिति बनाई गई थी. जिसमें जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष बनाए गए थे. लखनऊ के चार बस स्टेशनों समेत प्रदेश के दो दर्जन बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने के लिए नाम पर मुहर भी लग गई, लेकिन इसके बाद कई बस स्टेशन के नाम बदलने को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई. विभिन्न तरह की आपत्तियां दर्ज कराई जाने लगीं. जिसके चलते अभी तक बस स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव लटका हुआ है.
परिवहन निगम के जो बस स्टेशन अभी जिस नाम से जाने जा रहे हैं आने वाले दिनों में वह बस स्टेशन स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों के नाम से जाने जाएंगे. उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में जिस जनपद में आजादी में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारी का नाम दर्ज होगा. उसी के नाम पर बस स्टेशन का नाम रखा जाएगा. कई जिलों के जिलाधिकारियों ने परिवहन निगम को शहीदों के नाम भी भेजे हैं. इनमें लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से भी परिवहन निगम के चार बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने की संस्तुति की गई. हालांकि बस स्टेशनों के नाम कई माह पहले ही परिवहन निगम को मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक बस स्टेशनों का नाम बदले नहीं गए हैं. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि कुछ जिलों में बस स्टेशनों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है जैसे ही नाम फाइनल हो जाएगा बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रख दिए जाएंगे.