लखनऊ: केंद्रीय रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह गुरुवार को लखनऊ पहुंचे. यहां उन्होंने महर्षि महेश योगी की 106 वीं जयंती के अवसर पर संत समागम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. इस दौरान राजनाथ सिंह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि महेश योगी भारत के 'सांस्कृतिक चिह्न ' माने गए हैं. उन्होंने भारतवर्ष की प्राचीन काल से चली आ रही आध्यात्मिक गंगा को उसी तरह समृद्ध किया, जैसे गंगा नदी को गोमती समृद्ध करती है. रक्षामंत्री ने इस दौरान राम मंदिर जिक्र करते हुए कहा कि राम मंदिर 'राम राज्य’ के विचार का वैश्विक सांस्कृतिक केन्द्र बनेगा. कार्यक्रम महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तत्वधान में आयोजित हुआ.
महर्षि योगी और स्वामी विवेकानंद देश के सांस्कृतिक राजदूतःकार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि "आज का यह दिन निश्चित रूप से बड़ा ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज 12 जनवरी के दिन एक नहीं बल्कि दो महापुरुषों की जयंती मनाई जाती है. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म आज ही के दिन 1863 में कोलकाता में हुआ था. उनकी स्मृति में आज पूरे देश में युवा दिवस मनाया जा रहा है. इसी 12 जनवरी को 1918 में जबलपुर में महर्षि महेश योगी जी का जन्म हुआ था. जिन्होंने योग और साधना के भारतीय ज्ञान को पश्चिमी देशों तक पहुंचाया. स्वामी विवेकानंद और महर्षि योगी दोनों ही भारत के 'सांस्कृतिक चिह्न' और 'सांस्कृतिक राजदूत' माने जाते है."
रक्षामंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को लेकर कहा कि "प्राचीन भारतीयता की पताका को आधुनिक आधार प्रदान कर, संपूर्ण विश्व में लहराया. उन्होंने भारतीय मूल्यों और सनातन धर्म को दुनिया भर में प्रसारित किया. ऐसे में मैं समझता हूँ, अपने प्राचीन ज्ञान, साधना और तप को आधार बनाकर भारत एक बार फिर से समस्त विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है. मानवता को एक शांत, सुखमय और समृद्ध विश्व की ओर अग्रसर कर सकता है."
महर्षि योगी ने सिद्धि के लिए कर दिया अपना जीवन समर्पितःमहर्षि महेश योगी जी को लेकर रक्षामंत्री ने कहा कि वेद के उद्धार की बात तब आती है, जब लोक में क्रियाशक्ति कुंठित हो जाती है. चूंकि ज्ञान की सत्ता जितनी प्रबल रहेगी, उतनी क्रियाशक्ति गठित रहेगी. जितनी क्रिया शक्ति सफल रहेगी, उतना ही व्यवहार सफल होगा. महर्षि महेश योगी ने इसी विचार का बीजारोपण किया था, जो आज एक विशाल वृक्ष बनकर भारत समेत पूरे विश्व को शीतल छाया प्रदान कर रहा है. मानवता के हितार्थ वेदों के पुनरुद्धार का जो संकल्प उन्होंने अपने जीवन में लिया था. उसकी सिद्धि के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.
राजनाथ सिंह ने कहा कि महर्षि योगी ने जिस राम राज्य की परिकल्पना पिछली शताब्दी के आठवें दशक में की थी, वह उनके लिए केवल विचार नहीं था. उसको धरातल पर लाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास भी किया. उन्होंने ‘राम राज्य’ के विचार की राजधानी अयोध्या में स्थापित करने का संकल्प लिया. हम सबके लिए यह हर्ष की बात है कि अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। वह मंदिर केवल भगवान श्रीराम का मंदिर मात्र ही नही होगा, बल्कि ‘राम राज्य’ के विचार का वैश्विक सांस्कृतिक केन्द्र बनेगा.