लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक ही कर्मचारी के सेवा सम्बंधी तीन याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए, कर्मचारी के बर्खास्तगी को सही ठहराया है. ये तीनों याचिकाएं याची कर्मचारी ने लगभग 25 साल, 24 साल और 21 साल पूर्व दाखिल की थीं. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि याची अपने ड्यूटी से जानबूझ कर अनुपस्थित रहा, लिहाजा बर्खास्तगी आदेश की चुनौती देने वाली उसकी याचिका समेत तीनों याचिकाओं को खारिज किया जाता है.
यह निर्णय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Justice Dinesh Kumar Singh) की एकल पीठ ने संतोष कुमार खरे की तीन याचिकाओं पर एक साथ निर्णित करते हुए पारित किया. याची की ओर से कहा गया कि वर्ष 1975 में उसे डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, बहराइच में क्लर्क के पद पर नियुक्ति मिली. डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, बहराइच बाद में जिला पंचायत बहराइच हो गया.
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वर्ष 1997 में नए बने जिला पंचायत श्रावस्ती में उसका तबादला कर दिया गया, जहां उसे ऑडिट और अंत्योदय क्लर्क के पद की जिम्मेदारी दी गई. याची का कहना था कि वह पहले अकाउंटेंट (अप्रशिक्षित) के पद पर था लेकिन तबादले के साथ उसकी पदावनति कर दी गई. हालांकि इस बिंदु पर याची को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई.