लखनऊ : मुरादनगर में हुए हादसे में 25 लोगों की जान चली गई. जिस शेड के नीचे लोग खड़े थे उसका निर्माण दो से तीन महीने पहले ही करवाया गया था. करीब 55 लाख रुपये की लागत से शेड का निर्माण करवाया गया था. हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. तीन अधिकारियों को आनन-फानन में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन ठेकेदार फरार हो गया. बताया जा रहा है कि कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
खास परिचर्चा : भ्रष्टाचार ने ली 25 की जान, जिम्मेदारों की कब होगी पहचान
गाजियाबाद के मुरादनगर में हुए हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 'भ्रष्टाचार का भूत' हमारा पीछा नहीं छोड़ रहा. शासन के निर्देश और सख्ती के बावजूद हादसे हो रहे हैं और हर बार बेगुनाह लोगों की मौत हो जाती है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने एक परिचर्चा का आयोजन किया.
परिचर्चा में शामिल उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि इस हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में नाकाम रही है. यही कारण है कि मुरादनगर जैसा हादसा हुआ.
परिचर्चा में उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ए.के. सिंह भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मुरादनगर में जिस शेड का निर्माण किया गया था, उसमें कई खामियां थीं. उन्होंने बताया कि निर्माण के दौरान तय मानकों का ख्याल बिल्कुल नहीं रखा गया और यही वजह है कि इतना बड़ा हादसा हो गया. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद ही पूरे तथ्य सामने आ पाएंगे. उन्होंने कई सुझाव भी दिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके. ए.के. सिंह के सुझावों पर भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने भरोसा दिलाया कि वह इनके सुझावों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे.