लखनऊःहिन्दी दिवस के अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा द्वितीय अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिया का संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कोर्ट संघ द्वारा किया गया. इस प्रतियोगिता का विषय "क्या भारतीयों का अंग्रेजी प्रेम भारत के लिए अभिशाप है" था. इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न कोनों से टीमों ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह रहे तथा निर्णायक मंडल में प्रोफेसर पी.आर. शुक्ल एवं डॉ. मनीष हिंदवी रहे.
इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के अभिभाषण से हुई. उन्होंने प्रस्तुत विषय की आवश्यकता और महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि हिंदी भारतवर्ष की पहचान है, मान-सम्मान है. हिंदी जिसकी इज्जत हमारे भारतवर्ष में उस भांति नहीं की जा रही जैसी की जानी चाहिए. इसके बाद विधि संकाय के प्रमुख एवं संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सी.पी. सिंह ने बताया कि ये ज्वलन्त विषय समय की आवश्यकता है. उन्होंने आगे बताया कि हिंदी केवल भारत में ही नहीं अपितु अन्य देशों में भी बोली जाती है. हिंदी पर 50 से अधिक देशों में शोधकार्य हो रहा है.