लखनऊ:हजरतगंज में बसंत सिनेमा के प्रथम तल पर बनी दुकानों पर अवैध कब्जे का विरोध करने पर कृष्ण कुमार गुप्ता व उनके बेटे कपिल गुप्ता की गोली मारकर हत्या करने वाले विजय प्रकाश शर्मा और उसके बेटे धीरज शर्मा को अदालत ने मौत की सजा (Death sentence to the accused) सुनाई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश फूलचंद कुशवाहा ने अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा के साथ-साथ प्रत्येक पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड की समस्त धनराशि दस लाख रुपये में से आठ लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति मृतक कपिल गुप्ता के आश्रितों को प्रदान किए जाएं. अदालत के समक्ष इस मामले में अभियोजन की ओर से कहा गया कि मामले की रिपोर्ट 16 अप्रैल 2005 को वादी उदय स्वरूप भारद्वाज द्वारा थाना हजरतगंज में लिखाई गई थी. एफआईआर मे कहा गया था कि वादी आर्किटेक्ट और बिल्डर का काम करता है. उसने करीब चार साल पहले कृष्ण कुमार गुप्ता से मेफेयर चौराहा हजरतगंज के पास बसंत टॉकीज के ऊपर उनके द्वारा खरीदी गई जगह पर दुकान और ऑफिस बनवाने का करार किया था. इसके पश्चात तीन दुकानों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चला था. ये दुकानें कुबेर फाइनेंस से खरीदी गई थीं.
उधर अभियुक्त विजय प्रकाश शर्मा कहता था कि कुबेर फाइनेंस पर उसका 17 लाख रुपये बकाया है. लिहाजा कृष्ण कुमार गुप्ता को उक्त तीनों दुकानें देनी पड़ेंगी. हालांकि कृष्ण कुमार गुप्ता इसका विरोध करते थे और दुकानों को देने से इनकार कर दिया था. इसी बात को लेकर घटना के दिन जब कृष्ण कुमार गुप्ता, उनका बेटा कपिल गुप्ता और वादी व उसके साथी राजीव दीक्षित ऑफिस में काम कर रहे थे, तभी दिन में करीब तीन बजे विजय प्रकाश शर्मा और उसका लड़का धीरज शर्मा आए और कहा कि उसे तीनों दुकानों का कब्जा तुरंत चाहिए.