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लखनऊ: गृहकर में चार दिन बाद नहीं मिलेगी 10 प्रतिशत छूट, रविवार को भी खुलेंगे ऑफिस - house tax

लखनऊ नगर निगम द्वारा गृहकर में प्रदान की जाने वाली 10 प्रतिशत की छूट की समयसीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही है. अधिक से अधिक गृहकर दाताओं को छूट प्रदान किए जाने के उद्देश्य से रविवार को समस्त जोनल कार्यालय के कैश काउंटर गृहकर जमा करने के लिए खुले रहेंगे.

लखनऊ नगर निगम.
लखनऊ नगर निगम.

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Published : Sep 26, 2020, 10:17 PM IST

लखनऊ:नगर निगम द्वारा गृहकर में प्रदान की जाने वाली 10 प्रतिशत की छूट का लाभ लेने के लिए सिर्फ 4 दिन बचे हैं. 30 सितंबर को समयसीमा समाप्त हो रही है. अधिक से अधिक गृहकर दाताओं को छूट प्रदान किए जाने के उद्देश्य से रविवार को समस्त जोनल कार्यालय के कैश काउंटर गृहकर जमा करने के लिए खुले रहेंगे. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि छूट की अवधि के समाप्त होने में मात्र 4 दिवस शेष रह गए हैं. लोगों से अपील की गई है कि रविवार को भवन स्वामी अपना गृहकर जमा कर 10 प्रतिशत छूट का अधिक से अधिक लाभ उठाये.

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गृहकर में छूट की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है. पहले 30 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त तक बढ़ाई गई. इसके बाद महापौर ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ दिए जाने को लेकर 30 सितंबर तक छूट मिलने का आदेश जारी किया था. इसके बाद दिसंबर तक 5 फीसदी ही छूट मिलेगी.

पिछले एक माह में दस करोड़ रुपये हाउस टैक्स कम जमा हुआ है. इस कमी से संसाधनों की व्यवस्था व कर्मचारियों के वेतन पर असर पड़ सकता है. नगर निगम की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है. कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति और खराब हो चुकी है. नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी को पदभार संभाले एक माह हो चुका है. अभी उनका पूरा ध्यान सफाई व्यवस्था पर होने के कारण राजस्व वसूली पर कम है. पिछले माह 15 जुलाई से 15 अगस्त तक नगर निगम के राजस्व में हाउस टैक्स से 27.92 करोड़ रुपये जमा हुआ था, लेकिन 16 अगस्त से 15 सितम्बर के बीच 18.26 करोड़ रुपये ही राजस्व जमा हो सका है. पिछले वर्ष इस दौरान 21 करोड़ रुपये वसूला गया था. पिछले वर्ष की तुलना में अब तक 38 करोड़ रुपये कम हाउस टैक्स जमा हुआ है.

अप्रैल से अब तक 95.48 करोड़ रुपये की वसूली हुई है, जबकि पिछले वर्ष अब तक 133.79 करोड़ रुपये जमा हो चुका था. इसका असर संसाधनों की व्यवस्था और कर्मचारियों के वेतन पर पड़ रहा है. कर्मचारियों के वेतन में लगभग 85 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है. इसके भुगतान के लिए कर्मचारी लगातार अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं, लेकिन खजाना खाली होने के कारण भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है.

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