जोधपुर:शहर में लगातार हो रही कोरोना की मौतों ने लोगों को डरा दिया है. अब आलम यह है कि सामान्य शव को ले जाने के लिए कोई गाड़ी तैयार नहीं होती है. हालांकि शहर के सरकारी अस्पतालों में कोरोना शव को श्मशान तक पहुंचाने के लिए नगर निगम ने वाहन उपलब्ध करवा रखे हैं, लेकिन मंगलवार को सैनिक अस्पताल पहुंचने से पहले एक महिला की मौत होने के बाद उसके शव को श्मशान तक पहुंचाने के लिए उसकी बेटियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
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काफी समय तक वे सैनिक अस्पताल के बाहर एंबुलेंस और अन्य वाहन चालकों से मिन्नतें करती रही, लेकिन कोई भी कोरोना का शव लेकर जाने को तैयार नहीं हुआ. जबकि संतोष लता की कोरोना जांच भी नही हुई थी. जिसके बाद एक लोडिंग टैंपो चालक ने हिम्मत दिखाई और वह उनकी मां का शव लेकर हिंदू सेवा मंडल के श्मशान घाट पहुंचा जहां परिचितों के सहयोग से तीनों बेटियों ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.
दरअसल, यूपी के अकबपुर जिले के रहने वाले राजीव कुमार चतुर्वेदी सेना से रिटार्यड सूबेदार की पत्नी संतोष लता की सोमवार रात को तबीयत खराब हो गई थी. पूरी रात तीनों बेटियों ने मां की सेवा की. सुबह वह उन्हें लेकर सैनिक अस्पताल की ओर निकली, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही संतोष लता ने दम तोड़ दिया. अस्पताल पहुंचने पर सैनिक अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी.