लखनऊ :राजधानी के सरकारी अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वायरल बुखार से लेकर अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं. जिसके चलते मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच (ultrasound scan) के लिए एक महीने बाद की तारीख दी जा रही है. जिसकी वजह से अस्पताल में पेट दर्द की समस्या से पीड़ित मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं फिजिशियन की ओपीडी में करीब दो हजार व सर्जन की ओपीडी में 800 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
चिनहट निवासी फुर्कान ने बताया कि सुबह 8 बजे से आए हैं. लाइन में लगे-लगे हालत खराब हो गई. दोपहर एक बजे डॉक्टर से मिल पाए हैं, वह भी जब डॉक्टर उठने वाले थे. कोई यहां पर कुछ बताने वाला नहीं है. बस केवल यहां से वहां भगाते रहते हैं. अगर बोल दें कि डॉक्टर साहब पेट दर्द हो रहा है, अल्ट्रासाउंड जांच करवा दीजिए तो 15 दिन या एक महीने बाद की तारीख मिलती है. कुछ दवाई यहां पर मिल जाती हैं और बाकी की दवाएं हमें बाहर से लेनी पड़ती हैं. समस्याएं यहां बहुत हैं.
डालीबाग निवासी अभिजीत गौड़ ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए मरीज को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. एक लंबी लाइन में खड़े होकर सुबह से शाम हो जाती है, बिना खाए पिए इंसान अस्पताल आता है कि अल्ट्रासाउंड जांच हो जाएगा, लेकिन उसे एक महीने बाद की तारीख मिलती है. मरीज को बड़ी दिक्कत हो जाती है जब उसकी हालत गंभीर हो और उसे लाइन में लगकर दिखाना पड़े. मरीज के पेट में दर्द होने पर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लिखते हैं, लेकिन जब काउंटर पर जाते हैं तो वहां पर 15 दिन बाद या एक महीने बाद का तारीख दी जाती है. समस्याएं बहुत हैं, लेकिन इलाज के लिए मरीज अस्पताल में आता है.